आजमगढ़ में छात्रा आत्महत्या प्रकरण में प्रधानाचार्य व शिक्षक की रिहाई पर निजी स्कूल संचालकों ने जताया संतोष

आजमगढ़ में छात्रा आत्महत्या प्रकरण में प्रधानाचार्य व शिक्षक की रिहाई पर निजी स्कूल संचालकों ने जताया संतोष
  • सहारनपुर में निजी स्कूल संचालकों के फाइल फोटो।

सहारनपुर। प्रोग्रेसिव स्कूल्स सोसाइटी एवं सहारनपुर सहोदय कंपलेक्स से जुड़े स्कूल संचालकों द्वारा आजमगढ़ में छात्रा आत्महत्या प्रकरण में स्कूल के प्रधानाचार्य एवं शिक्षक की रिहाई को न्याय की जीत बताते हुए संतोष जताया गया तथा पीडि़त परिवार के प्रति शोक संवेदना भी व्यक्त की गई।

गौरतलब है कि आजमगढ़ के चिल्ड्रन गल्र्स कॉलेज की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी। जिस पर पुलिस द्वारा ठोस जांच किए बगैर प्रधानाचार्य एवं शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। गिरफ्तारी के विरोध में निजी स्कूल संचालकों द्वारा प्रदेश व्यापी बंद का आह्वान किया था तथा 8 अगस्त को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा था जिसमें प्रधानाचार्य व शिक्षक को अविलंब रिहा कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई थी। विगत दिवस आजमगढ़ में न्यायालय द्वारा प्रधानाचार्य व शिक्षक को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

प्रोगेसिव स्कूल्स सोसायटी व सहारनपुर सहोदय कांप्लेक्स से जुड़े स्कूल संचालकों ने इसे न्याय की जीत बताया तथा छात्रा की मौत को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए, पीडि़त परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की। प्रोगेसिव स्कूल्स सोसायटी के संयोजक व वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र चौहान ने कहा कि स्कूल शिक्षा के मंदिर है। जिनका उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारवान बनाना भी है। इसके लिए अभिभावकों को भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए स्कूलों का सहयोग करना चाहिए ताकि बच्चों भविष्य के अच्छे नागरिक बन सके। स्कूल संचालक अभिभावकों का सम्मान करते है इस प्रकार अभिभावकों को भी स्कूल संचालकों एवं शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए।

महासचिव सुधीर जोशी ने कहा की विद्यालय द्वारा बच्चों की सुरक्षा व उन्हे संस्कारवान बनाने के लिए नियम बनाए जाते हैं। इसलिए अभिभावकों की भी जिम्मेदारी बनती है। कि वह अपने बच्चों को स्कूल के नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करें। सहारनपुर सहोदय कांप्लेक्स के अध्यक्ष शकील अहमद ने कहा कि वर्तमान माहौल में मोबाइल व इंटरनेट का प्रयोग बच्चों को जिद्दी व तनावग्रस्त बना रहा है। हमें अपने बच्चों को मोबाइल एडिक्ट बनने से रोकने की आवश्यकता है। महासचिव भव्य जैन ने कहा कि छात्रा की आत्महत्या की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए अभिभावकों एवं शिक्षकों को मिलकर सामूहिक रूप से प्रयास करना चाहिए।