प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल ‘चेनाब ब्रिज’ का किया उद्घाटन, जानिए इसकी खासियतें

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित ऐतिहासिक चेनाब रेल पुल का उद्घाटन किया। यह पुल न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के लिए इंजीनियरिंग का एक अनोखा नमूना है। अपने इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने चेनाब नदी पर बने इस पुल का जायजा लिया और तिरंगा हाथ में लेकर साइट पर पहुंचे। यह यात्रा पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर का उनका पहला दौरा था।
इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना (USBRL) की टीम से मुलाकात कर इस अद्भुत पुल के निर्माण में लगे लोगों की सराहना की।
क्या है चेनाब ब्रिज की खासियत?
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दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज:
यह पुल चेनाब नदी के तल से 359 मीटर (1,178 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसे एफिल टावर से भी करीब 35 मीटर ऊंचा बनाता है। -
भूकंप और विस्फोट से सुरक्षित:
पुल को ऐसे डिज़ाइन किया गया है कि यह 266 किमी/घंटा तक की हवा की रफ्तार, तीव्र भूकंप, और 40 किलोग्राम टीएनटी विस्फोट तक को सहने में सक्षम है। -
अभूतपूर्व निर्माण सामग्री:
पुल में 28,660 मीट्रिक टन स्टील, 66,000 मीटर कंक्रीट, और 10 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी का काम शामिल है। इसके अलावा, साइट तक पहुंचने के लिए 26 किलोमीटर सड़कों का भी निर्माण किया गया।
किसने किया डिज़ाइन और निर्माण?
इस पुल को WSP फिनलैंड ने जर्मन फर्म लियोनहार्ट, एंड्रा एंड पार्टनर के साथ मिलकर डिज़ाइन किया, जबकि वियना कंसल्टिंग इंजीनियर्स ने खंभों की डिजाइन में मदद की। इसके बाद कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन और भारतीय इंजीनियरों की टीम ने इसे ज़मीनी हकीकत में बदला।
परियोजना का उद्देश्य
चेनाब ब्रिज, उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है, जिसका मुख्य उद्देश्य जम्मू और कश्मीर को भारत के बाकी हिस्सों से जोड़कर आर्थिक, सामाजिक और सामरिक कनेक्टिविटी को मजबूत करना है।
इस पुल के चालू होने से न सिर्फ क्षेत्रीय आवागमन में क्रांतिकारी बदलाव आएगा, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी यह एक बड़ी उपलब्धि है।