उज्जैन। Ram Nath Kovind In Ujjain: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द रविवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें अधिवेशन का उद्घाटन किया। इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि आज आयुर्वेद में गुणवत्ता, शोध और अनुसंधान का समय है। हमारे सामने अनेक चुनौतियां हैं। आहार, दिनचर्या ओर रितुचर्या के बारे में आयुर्वेद में ही बताया जाता है। जन सामान्य में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए। ऐसे लोग तैयार करें तो उपचार में योगदान कर सकें। लोगों को उपचार के लिए अनुसंधान निरंतर जारी रहे। सुखी जीवन का परम ध्येय बेहतर स्वास्थ्य है इसे सर्वोपरि रखना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत गांवों का देश है और उनमें प्राचीनतम चिकित्सा पद्घति आज भी आयुर्वेद है। आयुर्वेद का अर्थ है आयु का विज्ञान। इसमें स्वास्थ्य रक्षा के साथ ही रोग निवारण पर भी बल दिया जाता है। उम्मीद है आयुर्वेद सम्मेलन के परिणाम देश और दुनिया के लिए लाभदायक साबित होंगे। राष्ट्रपति ने पत्नी के साथ महाकाल मंदिर में भी दर्शन किए। इस मौके पर उनके साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह भी मौजूद रहे।
भोपाल से एक देश-एक स्वास्थ्य तंत्र का मंत्र दिया
राष्ट्रपति ने शनिवार को भोपाल से एक देश-एक स्वास्थ्य तंत्र का मंत्र दिया था। आरोग्य मंथन का शुभारंभ करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, एलोपैथी के विशेषज्ञ चारों पद्घति को समानान्तर उपयोग में लाने की रणनीति को अंतिम रूप दे रहे हैं, जो आरोग्य भारती की देखरेख में किया जा रहा है। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आरोग्य भारती द्वारा आयोजित मंथन का विषय एक ‘देश-एक स्वास्थ्य तंत्र-वर्तमान समय की आवश्यकता’ रहा। राष्ट्रपति ने आमजन से दैनिक दायित्वों के साथ प्रकृति के अनुरूप सरल जीवन शैली अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा इससे हमारा स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। उन्होंने कहा कि योग को किसी धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्घति ने विश्व का मार्गदर्शन किया है। योग, प्राणायाम, व्यायाम और आध्यात्मिक शक्ति का बोध कराया है। उन्होंने कहा कि योग से बचने के लिए बहाने ठीक नहीं हैं। योग को लेकर कुछ लोग भ्रांति फैलाते हैं, जबकि निरोग रहने के लिए कोई भेदभाव या भ्रांति आड़े नहीं आनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि देश की एक स्वास्थ्य सेवा के लिए वर्तमान सेवाओं को समझना होगा।