कश्मीर को हर मौसम देश से जोड़े रखने के लिए वैकल्पिक मार्ग की तैयारी,बर्फबारी के दौरान कट जाती है घाटी

  • मुगल रोड पर टनल के अलावा सिंथन किश्तवाड़ रोड से कश्मीर को जोड़ने पर गौर कर रहा प्रशासन
  • केंद्र व एलजी प्रशासन जल्द इस दिशा में ले सकते हैं फैसला  

केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में सड़क नेटवर्क के माध्यम से कश्मीर को जम्मू श्रीनगर नेशनल हाइवे के अलावा कुछ और सड़कों से जोड़ने की योजना पर केंद्र व प्रदेश प्रशासन गंभीरता से गौर कर रहा है।

जम्मू श्रीनगर नेशनल हाइवे पर बर्फबारी या बारिश होने से पत्थर गिरने और भूस्खलन से सड़क मार्ग से कश्मीर का संपर्क देश के अन्य हिस्सों से कई-कई दिन कटा रहता है। इससे लोगों को तो परेशानी होती ही है। सरकारी कामकाज खासतौर से सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने पर भी असर पड़ता रहा है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जम्मू श्रीनगर नेशनल हाइवे को आल वैदर बनाने की दिशा में काम चल रहा है। बनिहाल काजीगुंड हाइवे टनल का निर्माण जारी है। इसके अलावा मुगल रोड को भी आल वैदर बनाने की दिशा में जल्द अहम फैसला लिया जा सकता है।

मुगल रोड साल 2009 में खोली गई थी। लेकिन 84 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर पीर की गली पर अन्य कुछ हिस्सों में सर्दियों में बर्फ रहने व अन्य कारणों से यह सड़क ज्यादातर गर्मियों में खुली रहती है। ऐसे में इस हाइवे को आल वैदर बनाने के लिए राशि का प्रावधान केंद्र व एलजी प्रशासन कर सकता है।

इस संबंध में नेशनल हाइवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन और स्पेनिश कंसल्टेंसी फर्म की तरह से प्रारंभिक सर्वे किया जा चुका है। इसी तरह किश्तवाड़ सिंथनटाप अनंतनाग हाईवे का भी दर्जा बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।

मौसमी हाइवे बन चुका जम्मू श्रीनगर नेशनल हाइवे
जम्मू श्रीनगर नेशनल हाइवे वर्तमान समय में मौसमी हाइवे बन चुका है। मौसम साफ रहने पर हाइवे पर वाहन दौड़ते हैं। लेकिन जब भी बारिश होती है या फिर बर्फबारी होती है तो हाइवे बंद हो जाता है। श्री अमरनाथ यात्रा भी इस कारण कई बार रुकती रही है।


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