समय से पहले बुढ़ापा! दिल्ली की जहरीली हवा से गंभीर बिमारियों की दस्तक; AQI 500 पार

समय से पहले बुढ़ापा! दिल्ली की जहरीली हवा से गंभीर बिमारियों की दस्तक; AQI 500 पार

पीएसआरआई अस्पताल में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अमित विज ने कहा कि प्रदूषण हर आयु वर्ग को प्रभावित करता है. यहां तक कि घर के अंदर रहने वाले वरिष्ठ नागरिक भी प्रदूषण के खतरों से सुरक्षित नहीं हैं.

New Delhi : देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता एक बार फिर गंभीर श्रेणी में पहुंट गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आज (शुक्रवार) सुबह दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 के पार पहुंच गया, जो कि बेहद ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. वहीं इसके साथ ही त्वचा संबंधी एलर्जी, रैशेज और समय से पहले बुढ़ापा से पीड़ित लोगों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है. बता दें कि ओखला में 558, आनंद विहार में 343, जहांगीरपुरी में 453, नोएडा के सेक्टर 62 में 356, गाजियाबाद के वसुंधरा में 379 और गुरुग्राम सेक्टर-51 में एक्यूआई 651 दर्ज किया गया है.

एम्स के डर्मेटोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख केके वर्मा ने कहा कि पार्टिकुलेट मैटर्स, नाइट्रस ऑक्साइड, ओजोन की वजह से न केवल जीवन काल कम हो जाता है, बल्कि त्वचा पर भी इसका असर दिखने लगता है. साथ ही एक्जिमा, खुजली और डर्मेटाइटिस जैसी दिक्कतें भी सामने आती हैं. उन्होंने कहा कि समय से पहले बूढ़ा होना अब युवा पीढ़ी में देखा जा सकता है.

शरीर में कम हो रहे एंटीऑक्सीडेंट

आरएमएल अस्पताल में डर्मेटोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर, डॉ कबीर सरदाना ने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि वायु में प्रदूषण की वजह से एक रासायनिक प्रतिक्रिया हुई जिससे ऑक्सीजन रेडिकल्स निकल गए, जिसकी वजह से त्वचा पर इसका असर हुआ. हालांकि, हल्दी, गिलोय या तुलसी जैसे प्राकृतिक दवाएं हैं, जिनके एंटीऑक्सीडेंट गुण उचित खुराक लेने पर मदद कर सकते हैं.

प्रदूषण से डीएनए को नुकसान

साथ ही एलांटिस हेल्थकेयर के त्वचा विशेषज्ञ डॉ. चांदनी जैन गुप्ता ने कहा कि हमारा पूरा शरीर डीएनए, लिपिड और प्रोटीन से बना है, और हवा में मौजूद हानिकारक तत्व त्वचा कोशिकाओं के डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे इसका जीवन काल कम हो जाता है और इंसान समय से पहले बूढ़ा हो जाता है. इससे झुर्रियां, हाइपर पिग्मेंटेशन, उम्र के धब्बे और बालों का झड़ना जैसी समस्याएं सामने आती हैं. इतना ही नहीं इसकी वजह से मुँहासे, त्वचा कैंसर आदि जैसी तमाम गंभीर बिमारियां भी हो सकती हैं.

प्रदूषण के खतरों से कोई नहीं सुरक्षित

पीएसआरआई अस्पताल में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अमित विज ने कहा कि प्रदूषण हर आयु वर्ग को प्रभावित करता है. यहां तक कि घर के अंदर रहने वाले वरिष्ठ नागरिक भी प्रदूषण के खतरों से सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने कहा, कई अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों ने साबित किया है कि प्रदूषित हवा त्वचा को काफी नुकसान पहुंचाती है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण की वजह से त्वचा पर काले धब्बे और यहां तक कि शरीर के अन्य कई हिस्सों पर भी इसका काफी दुष्प्रभाव पड़ता है.