धूमधाम के साथ मनाया प्रजापिता ब्रह्मा का अव्यक्त दिवस
- सहारनपुर में सरसावा में महामंडलेश्वर संत कमल किशोर का सम्मान करते आयोजक।
सरसावा। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी आश्रम में प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का साकारी दुनिया से न्यारा होकर अव्यक्त हो जाने का दिन बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। कस्बा सरसावा स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी आश्रम में दिव्य शक्ति अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर संत कमल किशोर का माला एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।
आश्रम की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने कहा कि बाबा जो कहते थे, वहीं करते थे। विश्व शांति उनका लक्ष्य था और वे सभी मनुष्यों के भीतर आज्ञाकारिता, पवित्रता, धैर्यता, नम्रता, यथार्थता आदि गुणों का पदार्पण करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि कलयुग जाने वाला है और सतयुग आने वाला है। हम सभी संगम युग में है। इसलिए हमें बाबा के जीवन से प्रेरणा लेकर निर्विकारी, निरअंहकारी और निराकारी बनना है।
संत कमल किशोर ने कहा कि मानव क्रोध में आकर अपना विवेक खो देता है। मनोवैज्ञानिकों द्वारा एक शोध में पाया गया कि दुनिया में 99 प्रतिशत अपराध क्रोध की अवस्था में किए गए। उन्होंने कहा कि एक तलवार एक के दो टुकड़े कर सकती है परंतु प्रेम की तलवार एक ऐसी तलवार है जो दो दिलों को जोड़कर एक कर सकती है। हम सबको मिलजुलकर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्रोध में मानव का तापतान, ब्लडप्रेशर और मांसपेसियों में तनाव बढ़ जाता है और शरीर रोगग्रस्त हो जाता है। क्रोध से आयु घटती है, जबकि मुस्कराने और प्रेम से मनुष्य निरोग होकर दीर्घायु प्राप्त करता है। ऐसे में प्रजापिता ब्रह्मा बाबा द्वारा दिखाया गया मार्ग सर्वश्रेष्ठ है। इस दौरान ब्रह्माकुमारी रेखा, राजकुमारी, गीता, प्रीतपाल, सुशील, बृजेश, यशपाल, श्रवण पांडेय, प्रमोद आदि मौजूद रहे।