एक जुलाई से जनपद में चलेगा संभव पोषण संवद्र्धन अभियान

- सहारनपुर में संभव पोषण संवद्र्धन अभियान की जानकारी देतीं जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. आशा त्रिपाठी।
सहारनपुर [24CN]। बच्चों को कुपोषण की काली छाया से बचाने और उनको स्वस्थ बनाए जाने को लेकर सरकार की ओर से ठोस जतन किए जा रहे हैं। 25 से 30 जून तक वजन सप्ताह का सफलतापूर्वक आयोजन करने के बाद अब एक जुलाई से दो अक्टूबर तक संभव पोषण संवर्धन के लिए विशेष अभियान संचालित किया जाएगा। इसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन होगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. आशा त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि शासन स्तर से वजन सप्ताह के आयोजन के दौरान जिले के प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर पांच वर्ष तक के बच्चों का वजन किया गया। इसी कड़ी में कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को चिह्नित किया गया, ताकि उनको स्वस्थ बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि वजन सप्ताह के दौरान चिह्नित कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों का डाटा एकत्रित किया जा रहा है। इस डाटा के अनुसार ही उन्हें कुपोषण की श्रेणी से बाहर लाने के लिए शासन द्वारा निर्धारित अग्रिम रणनीति के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि वजन सप्ताह के दौरान आईसीडीएस के अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों का भ्रमण करके सतत निगरानी की गई, ताकि शासन की मंशा के अनुरूप प्रत्येक केंद्र पर बच्चों का वजन लिया जा सके। चिन्हांकन कार्य के उपरान्त सभी जिलों में कुपोषण की रोकथाम के लिए एक विशेष अभियान संभव-पोषण संवर्धन की ओर एक कदम एक जुलाई से दो अक्टूबर के बीच चलाया जाएगा। इसके तहत साप्ताहिक गृह भ्रमण, स्वास्थ्य जांच, चिकित्सकीय उपचार आदि कार्यक्रम आयोजित होंगे।
डा. त्रिपाठी ने बताया कि तीन माह के इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सैम (तीव्र अतिगंभीर कुपोषण, मैम (मध्यम गंभीर कुपोषित), गंभीर अल्प वजन बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाना है। इसके लिए सितंबर माह में 20 से 25 सितंबर के मध्य पुनरू वजन सप्ताह का आयोजन करते हुए प्रगति का निर्धारण किया जाएगा, क्योंकि कुपोषण की रोकथाम एक समग्र रणनीति से ही संभव है, इसलिए कुपोषित बच्चों के साथ-साथ पोषण प्रोत्साहन की अन्य थीम पर भी जन जागरूकता सम्बन्धी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि अभियान की समाप्ति पर पोषण की श्रेणी में आए हुए बदलाव का पुनरू आंकलन कराया जाएगा तथा जनपद के तीन आंगनबाड़ी, तीन मुख्य सेविका तथा तीन बाल विकास परियोजना अधिकारियों को शासन द्वारा पुरस्कृत भी किया जाएगा।