दिल्ली NCR में प्रदूषण बना साइलेंट कीलर, अस्पतालों में 30 फीसदी तक बढ़े मरीज

दिल्ली NCR में प्रदूषण बना साइलेंट कीलर, अस्पतालों में 30 फीसदी तक बढ़े मरीज

एक बार फिर दिल्ली एनसीआर में लोगों को आंखों में जलन और सांसों की जकड़न की दिक्कत शुरू हो गई है. खासतौर पर इस समस्या से बच्चे और बुजुर्ग तो शिकार हो ही रहे हैं, विभिन्न कंपनियों में मार्निंग और इवनिंग शिफ्ट में काम करने वाले लोग कर्मचारी भी इस समस्या से परेशान हैं.

New Delhi : दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण अपने भयावह स्तर तक पहुंच गया है. इसका असर अप्रत्यक्ष रूप से सभी अस्पतालों में दिख रहा है. सरकारी अस्पतालों की सामान्य ओपीडी में 30 फीसदी तक इजाफा हो चुका है. यह सभी मरीज गले में खरांस या सर्दी जुकाम की वजह से आ रहे हैं. हालांकि डॉक्टरों के मुताबिक इसकी वजह प्रदूषण है. खासतौर पर सुबह शाम टहलने घूमने या नौकरी के लिए घरों से निकलने वाले लोग ज्यादा इसकी चपेट में आ रहे हैं. इनमें आंखों में जलन व सांसों में जकड़न जैसी कॉमन समस्या है

बीते साल की तरह एक बार फिर दिल्ली एनसीआर में रहने वालों को आंखों में जलन और सांसों की जकड़न की दिक्कत शुरू हो गई है. खासतौर पर इस समस्या से बच्चे और बुजुर्ग तो शिकार हो ही रहे हैं, विभिन्न कंपनियों में मार्निंग और इवनिंग शिफ्ट में काम करने वाले लोग कर्मचारी भी इस समस्या से परेशान हैं. नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद के अलावा दिल्ली की विभिन्न अस्पतालों में मरीजों की तादात तेजी से बढ़ी है. कई अस्पतालों में तो हालात ऐसे बन गए हैं कि अतरिक्त डॉक्टरों को बैठाकर लोगों की जांच कराई जा रही है.

प्रदूषण की वजह से सांस लेने में तकलीफ

अलग अलग शहरों में मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों की माने तो प्रदूषण बढ़ने की वजह से लोगों में सांस लेने में तकलीफ होने लगी है. इसके चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या 30 फीसदी तक बढ़ गई है. यही स्थिति रही तो यह संख्या 60 फीसदी या इससे भी अधिक हो सकती है. बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी है. बुजुर्गों की आंखों में सूखापन की शिकायत आ रही है तो बच्चों में एलर्जी की वजह से आंखों में लाली, पानी आना, चुभन जैसी शिकायतें आ रही हैं. एम्स दिल्ली में नेत्र विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ. नम्रता शर्मा के मुताबिक इसकी वजह प्रदूषण है.

क्रॉनिक डिजीज के रोगियों की मुश्किल बढ़ी

ताजा हालात की वजह से पहले से ही दमा, अस्थमा व फेफड़ों से संबंधित अन्य समस्याओं से ग्रसित लोगों की दिक्कतें काफी बढ़ गई है. ऐसे मरीजों की संख्या इन दिनों तेजी से बढ़ी है. गले में खराश कॉमन शिकायत है. इसके अलावा सांस लेने पर छाती में भारीपन, जुकाम-खांसी, बदन और सर दर्द के मामले भी बढ़े हैं. ऐसे में डॉक्टर मरीजों को बिना बड़ी वजह के घर से निकलने से परहेज करने की सलाह दे रहे हैं. कई ऐसे लोग भी अस्पताल आए हैं जिन्हें अस्थमा जैसी बीमारियों के लक्षण दिखे. जबकि उन्हें पहले कभी यह बीमारी थी ही नहीं.


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