CM रिलीफ फंड पर पॉलिटिक्स: सुशील मोदी ने कहा- विपक्ष ने नहीं दी राशि, कांग्रेस MLA बोले- मेरे 50 लाख वापस करो

CM रिलीफ फंड पर पॉलिटिक्स: सुशील मोदी ने कहा- विपक्ष ने नहीं दी राशि, कांग्रेस MLA बोले- मेरे 50 लाख वापस करो

 

  • बिहार में कोरोना से जंग के लिए सीएम रिलीफ फंड को लेकर शुरू हुई पॉलिटिक्स।
  • डिप्टी सीएम सुशील मोदी बोले- कांग्रेस और आरजेडी ने कोरोना से जंग के लिए नहीं दी राशि।
  • कांग्रेसी MLA तौसीफ आलम ने CM रिलीफ फंड दी गई राशि वापस मांगी।
  • डिप्टी सीएम के बयान से भड़के कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्रा, बोले- सुशील कुमार मोदी के बयान को सफेद झूठ बताया

पटना
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने विपक्षी दलों को संवेदनहीन बताते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से उत्पन्न संकट के समय भाजपा-जदयू के सभी विधायकों ने अपना एक-एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है। लेकिन राजद और कांग्रेस के विधायकों ने राहत कोष में एक पैसा भी नहीं दिया, बल्कि विधायक निधि से 50 लाख रुपये देने का विरोध कर अपनी संवेदनहीनता भी उजागर की है। सुशील मोदी ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के बाहर फंसे लोगों को मदद पहुंचा रही है। अब बिहार सरकार विशेष रेल के जरिए बाहर फंसे लोगों की घर वापसी करा रही है। लेकिन बाहर से आने वाले लोगों को पहले क्वारंटीन सेंटर में 21 दिन रहना होगा। इसके लिए पंचायत स्तर पर बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में लोगों के लिए गमछा, साबुन, खाने पीने के इंतजाम के साथ उनके लिए अतिरिक्त शौचालय के निर्माण के साथ चिकित्सीय व्यवस्था भी करायी जा रही है।

सुशील मोदी के बयान से भड़के कांग्रेसी नेता
सुशील मोदी के बयान से भड़के कांग्रेस से विधान परिषद सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा ने सुशील कुमार मोदी के बयान को सफेद झूठ बताया। उन्होंने डिप्टी सीएम को चुनौती दी कि वे साबित करें कि कांग्रेस MLA, MLC ने अपना एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा नहीं किया है। नहीं तो सुशील मोदी को तत्काल कांग्रेस नेताओं से मांफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि वे 30 मार्च को और उसके पहले कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह और प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना एक माह का वेतन जमा कर दिया था, जिसका प्रमाण भी मौजूद है। इसके अलावा कांग्रेस के सभी विधायकों ने भी ना सिर्फ अपना वेतन दिया बल्कि सभी ने कोरोना उन्मूलन फंड में भी अपने एच्छिक कोष से 50 लाख का योगदान दिया है। इसके बाद भी अगर उपमुख्यमंत्री इस सम्बंध में झूठा बयान देते हैं तो मुख्यमंत्री सचिवालय को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

तेजस्वी ने भी विशेष रेल को लेकर साधा निशाना
दिल्ली में बैठे लालू यादव के पुत्र और बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर 1 हजार किलोमीटर दूर से नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साधा है। तेजस्वी यादव ने कहा कि जब 2008 में कोसी नदी ने भयंकर तबाही मचायी थी, तब तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने फ़्री में ट्रेन चलाई थी। तब उन्होंने बिहार के मात्र 4-5 ज़िलों के लिए ही 1 हजार करोड़ का पैकेज़ दिलाया था। इसके अलावा रेलवे से बिहार के मुख्यमंत्री राहत कोष में 90 करोड़ दिलाया था और खुद स्वयं 1 करोड़ रूपये की राशि दी थी। उस वक्त भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही थे और कोरोना संकट काल में भी वही मुख्यमंत्री है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि अब ड़बल इंजन की, केंद्र और बेशर्म राज्य सरकार का ग़रीब विरोधी चेहरा सामने आ गया है, कोई भी ग़रीब मज़दूरों का किराया वहन करने के लिए तैयार नहीं है। सरकार एक तरफ़ एक हजार रुपये देने का ढिंढोरा पीट रही है और दूसरी तरफ़ राज्य सरकार के पास ग़रीबों का किराया देने का पैसा नहीं है।

सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव को पढ़ाया पाठ
तेजस्वी यादव द्वारा 2008 के कोसी त्रासदी का जिक्र किए जाने के बाद डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी यादव को उन दिनों की बात बतायी है। सुशील मोदी ने कहा कि कोसी में 2008 की बाढ़ के समय रेलवे कर्मचारियों ने अपने एक दिन का वेतन देकर 38.6 करोड़ जुटाये थे। तत्कालीन रेल मंत्री के नाते यह राशि बिहार के आपदा कोष में दी। राजद नेता बताएं कि कोरोना संक्रमण में मुख्यमंत्री राहत कोष में कितनी मदद की? उन्होंने कहा कि जो लोग 2017 में सीमांचल की बाढ़ के समय गांधी मैदान में रैली कर रहे थे और 2019 की बाढ़ के समय गायब रहे, वे कोरोना संकट के समय भी बिहार से बाहर रह कर बयानबाजी कर रहे हैं।

कांग्रेसी MLA तौसीफ आलम ने CM रिलीफ फंड दी गयी राशि वापस मांगी
मिली जानकारी के अनुसार, किशनगंज के बहादुरगंज विधानसभा के कांग्रेसी विधायक तौसीफ आलम ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए 50 लाख रुपये की राशि दी थी। लेकिन अब कोरोना वायरस की महामारी से बचाव के लिए अपने विधायक मद से दिए गए 50 लाख रुपये की राशि वापस करने का मांग कर रहे है। कांग्रेसी विधायक ने बाकायदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर यह मांग की है। कांग्रेसी विधायक ने सीएम नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे पैसे वापस की मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बिहार सरकार विफल साबित हो रही है। उन्होंने पैसे इसलिए दिए थे कि उनके क्षेत्र में कोरोना से बचाव के लिए काम किया जाएगा लेकिन अबतक कोई काम नहीं हो रहा है।

नवभारत टाइम्स ने तौसीफ आलम से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। हालांकि तौसीफ आलम के पत्र पर कांग्रेस के ही विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि उन्होंने इसलिए पत्र लिखा है कि जब सरकार उनके पैसे से विधायक के क्षेत्र में काम नहीं कर रही तो हो सकता है विधायक 50 लाख की राशि वापस लेकर खुद अपने क्षेत्र में काम करना चाहते हों।

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