नई दिल्ली। चक्रवात ‘यास’ से बंगाल और ओडिशा को पहुंचे नुकसान का आकलन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुक्रवार को कोलकाता में बुलाई गई बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने पर दिल्ली तक सियासत गर्मा गई है। ममता पर आपदा के समय भी सियासत करने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेताओं सहित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोरदार हमला बोला।
अमित शाह ने कहा- दीदी का आचरण दुर्भाग्यपूर्ण
शाह ने कहा कि दीदी का आचरण दुर्भाग्यपूर्ण है। चक्रवात ने कई लोगों को प्रभावित किया है और उनकी सहायता करना समय की मांग है, लेकिन दुख की बात है कि उन्होंने अहंकार को जनकल्याण से ऊपर रखा है। उनका क्षुद्र व्यवहार यही दर्शाता है।
बंगाल के मुख्य सचिव को केंद्र ने किया दिल्ली तलब
बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को केंद्र ने दिल्ली तलब कर लिया है। अलबत्ता, इससे पहले मोदी ने बंगाल व ओडिशा के तूफान प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया। ओडिशा में भी उन्होंने बैठक की। दोनों ही राज्यों के लिए राहत पैकेज का एलान भी किया।
आधे घंटे देरी से पहुंचकर ममता ने मोदी से अलग से की मुलाकात, मांगा 20 हजार करोड़ का पैकेज
ओडिशा में प्रभावित क्षेत्र का सर्वे व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सहित अन्य अधिकारियों संग बैठक करने के बाद मोदी ने कोलकता के कलाइकुंडा एयरफोर्स बेस पर बैठक की। यहां आयोजित बैठक में न तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंची और न ही राज्य का कोई अधिकारी। वह राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय के साथ आधे घंटे देरी से पहुंचीं और प्रधानमंत्री से अलग से मुलाकात कर रिपोर्ट सौंप दी। इस दौरान उन्होंने पीएम से 20 हजार करोड़ रुपये का राहत पैकेज जरूर मांगा। इसके बाद दीघा में प्रशासनिक बैठक का हवाला देते हुए वहां से निकल गईं। उनके इस कदम के बाद भाजपा उन पर हमलावर हो गई। हालांकि, ममता ने मोदी संग प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण जरूर किया।
..तो इस वजह से नहीं आईं बैठक में
ममता के बैठक में शामिल नहीं होने की वजह भाजपा नेता व बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को आमंत्रित किया जाना बताया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर पूछा गया था कि इस बैठक में विधायकों व सांसदों को क्यों शामिल किया गया है?
राज्यपाल ने उठाया सवाल
इस बीच बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता के बैठक में शामिल नहीं होने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के रवैये से राज्य व लोकतंत्र के हितों को नुकसान पहुंचता है। मुख्यमंत्री व उनके अधिकारियों का बैठक में शामिल न होना संवैधानिक नियमों के मुताबिक नहीं है। वहीं, सुवेदु अधिकारी ने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं बल्कि लोगों को राहत पहुंचाने के लिए साथ मिलकर काम करने का है। बैठक में सुवेंदु अधिकारी और बंगाल से भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री देवश्री चौधरी शामिल हुईं।
अलापन को 31 की सुबह पहुंचना होगा दिल्ली
उधर, बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को केंद्र सरकार ने दिल्ली तलब कर लिया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक उनको अब केंद्र में नई जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्हें 31 मई की सुबह 10 बजे से पहले रिपोर्ट करना है।
केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार से मुख्य सचिव को जल्द रिलीव करने का किया अनुरोध
केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार से उन्हें जल्द से जल्द रिलीव करने का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि बतौर मुख्य सचिव उनका कार्यकाल खत्म हो गया था, लेकिन 24 मई को ही ममता सरकार ने तीन महीने के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था। उनको ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। अलापन बंद्योपाध्याय 1987 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। वह हावड़ा समेत कई जिलों के कलेक्टर भी रह चुके हैं। उन्हें पिछले साल सितंबर में राजीव सिन्हा के सेवानिवृत्त होने के बाद सूबे का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था।