कांग्रेस सांसद इमरान मसूद हाउस अरेस्ट, बरेली जाने से पुलिस ने रोका, कुंवर दानिश अली के घर के बाहर भी तैनाती
बरेली में आई लव मोहम्मद को लेकर हुई हिंसा मामले में सियासत तेज होती जा रही हैं. सहारनपुर से कांग्रेस इमरान मसूद आज (बुधवार, 1 अक्टूबर) को बरेली के उच्च अधिकारियों से मिलने जा रहे थे लेकिन इससे पहले ही पुलिस उनके घर पर पहुंच गई और उन्हें बरेली जाने से रोक दिया.
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और उनके करीबी समाजवादी पार्टी के एमएलसी शाहनवाज खान को आज ट्रेन से बरेली जाना था. लेकिन उनके जाने से पहले भारी संख्या में पुलिस फोर्स इमरान मसूद ओर शाहनवाज खान के घर पर पहुंच गई और दोनों नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया.
वहीं, दूसरी तरफ अमरोहा में निवर्तमान सांसद कांग्रेस नेता कुंवर दानिश अली को भी हाउस अरेस्ट कर लिया गया है. उनके भी बरेली जाने की सूचना थी, जिसके बाद उनके घर पर भारी संख्या में सुबह से ही पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. पूर्व सांसद आवास के बाहर कड़ी सुरक्षा व बैरिकेडिंग लगाई गई.
कांग्रेस सांसद ने लगाए आरोप
इमरान मसूद ने आरोप लगाया कि बरेली में एक तरफा कार्रवाई हो रही है. हमें सिर्फ अधिकारियों से मिलना था, फतेहपुर में मजार पर अराजकता हुई थी वहां कोई कार्यवाही नहीं की गई. नमाज के बाद प्रदर्शन करने का तमाशा बंद कीजिए. जब आप आंदोलन में लोगों को कंट्रोल नहीं कर सकते तो आपको आंदोलन नहीं करना चाहिए.
पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि पुलिस ने हमें बरेली जाने से रोक दिया है. हम शांति के दूत हैं, हमारा एजेंडा नफरत नहीं हो सकता. आप अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए तरह-तरह हथकंडे अपना रहे हो. फतहेपुर में मस्जिद में तोड़फोड़ की गई, लेकिन तब आपने क्या कार्रवाई की.
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर की सड़कों पर दुकानों को लूटा गया, आपने कुछ नहीं किया. मैं पोस्टर की हिमायत नहीं करता हूं, हमारे घरों पर बुलडोजर चलाना है, हमें होशियार रहना पड़ेगा. हम बुलडोजर चलने नहीं दें. हम मोहब्बत की बात करते हैं, देश के ऐसे हालात हैं कि पोस्टर दिखाने पर टांगे तोड़ देते हो.
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि फतहेपुर में आपका डंडा नहीं उठता है, 2027 के चुनाव में हार के कारण मुसलमान पर डंडा चलाया जा रहा है. इस्लाम मोहब्बत का नाम है. आप नफरत फैला रहे हैं, अपने नाकामी को छुपाने का काम कर रहे हैं. हमारे लिए संविधान सबसे ऊपर है. योगी आदित्यनाथ सबके सीएम हैं, आपको इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करें. मस्जिदें नमाज के लिए है, प्रदर्शन के लिए नहीं है.
