नेहरू-कांग्रेस, हिंदू-मुस्लिम और राहुल-अधीर पर पीएम के तीर, जानें भाषण की बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश किए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर एक घंटा 40 मिनट तक बोलते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपने उद्बोधन के दौरान राम मंदिर, सीएए, जम्मू-कश्मीर, तीन तलाक, पाकिस्तान, नेहरू समेत कई मुद्दों का जिक्र किया। पीएम ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। विपक्ष ने भी पीएम मोदी के भाषण के दौरान जमकर हंगामा किया। इसके बाद लोकसभा से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाया गया धन्यवाद प्रस्ताव पारित कर दिया गया। पढ़िए पीएम मोदी के भाषण की मुख्य बातें:

सीएए से हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला: पीएम

कांग्रेस की दिक्कत ये हैं कि वो बाते करती है, झूठे वादे करती है और दशकों तक उन वादों को टालती रहती है। आज हमारी सरकार अपने राष्ट्र निर्माताओं की भावनाओं पर चलते हुए फैसले ले रही है, तो इनकों दिक्कत हो रही है। मैं फिर से इस सदन के माध्यम से बड़ी जिम्मेदारी के साथ स्पष्ट कहना चाहता हूं कि सीएए से हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला। चाहे वो मुस्लिम हो, हिंदू हो, सिख हो या अन्य किसी धर्म को मानने वाला हो।

किसी को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान में लकीर खींची गई: पीएम
देश ने देख लिया है कि दल के लिए कौन है और देश के लिए कौन है। जब बात निकली है तो दूर तलक जानी चाहिए। किसी को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान में लकीर खींची गई और हिंदुस्तान का बंटवारा कर दिया गया।

कांग्रेस के लिए वो मुस्लिम, हमारी नजर में वो भारतीय: पीएम मोदी
कांग्रेस और उसके जैसे दलों ने जिस दिन भारत को भारत की नजर से देखना शुरु किया, उस दिन उन्हें अपनी गलती का अहसास होगा। हमें याद दिलाया जा रहा है कि क्विट इंडिया और जय हिंद का नारा देने वाले हमारे मुस्लिम ही थे। दिक्कत यही है कि कांग्रेस की नजर में ये लोग हमेशा ही सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम थे। लेकिन हमारे लिए, हमारी नजर में वो भारतीय हैं, हिंदुस्तानी हैं।

कश्मीर भारत का मुकुटमणि, इसकी पहचान बम, बंदूक और अलगाववाद की बना दी गई: पीएम
कश्मीर भारत का मुकुटमणि है। कश्मीर की पहचान बम, बंदूक और अलगाववाद की बना दी गई थी। 19 जनवरी 1990 की वो काली रात को कुछ लोगों ने कश्मीर की पहचान को दफना दिया था। कश्मीर की पहचान सूफी परंपरा और सर्व पंथ समभाव की है। कांग्रेस के समय हिंदुस्तान की क्या स्थिति थी, लोगों के अधिकार की स्थिति क्या थी, ये मैं इनसे पूछना चाहता हूं। अगर ये लोग मानते कि संविधान इतना महत्वपूर्ण है तो, हिंदुस्तान के संविधान को जम्मू कश्मीर में लागू करने से इन्हें किसने रोका था।

संविधान की वकालत के नाम पर दिल्ली और देश में क्या क्या हो रहा है, वो देश देख रहा: पीएम
संविधान की वकालत के नाम पर दिल्ली और देश में क्या क्या हो रहा है, वो देश देख भी रहा है, समझ भी रहा है और देश की चुप्पी भी कभी न कभी रंग तो लाएगी ही। सर्वोच्च अदालत संविधान में वर्णित एक महत्वपूर्ण अंग है, वो सर्वोच्च अदालत बार बार ये कहे कि आंदोलन ऐसे न हो जो सामान्य मानवी को तकलीफ दे और  हिंसा के रास्ते पर न चले। लेकिन वामपंथी और कांग्रेस के लोग वहां जाकर लोगों को उकसा रहे हैं और भड़काऊ बातें कर रहे हैं।


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