देश की सुरक्षा पर पीएम मोदी का संबोधन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘चिंतन शिविर’ में करेंगे चर्चा

देश की सुरक्षा पर पीएम मोदी का संबोधन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘चिंतन शिविर’ में करेंगे चर्चा

इस चिंतन शिविर में राज्यों के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी), डायरेक्टर जनरल ऑफ सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस (सीएपीएफ) और सेंट्रल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरियाणा के सूरजकुंड में चल रहे दो दिवसीय चिंतन शिविर को संबोधित करेंगे. इस चिंतन शिविर में सभी राज्यों के गृह सचिव, राज्यों के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी), डायरेक्टर जनरल ऑफ सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस (सीएपीएफ) और सेंट्रल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन के अधिकारी शामिल हैं. प्रधानमंत्री ऑफिस से जारी एक स्टेटमेंट के अनुसार यह चिंतन शिविर राज्यों और केंद्र के सभी सुरक्षा तंत्र के बीच एक कोऑर्डिनेशन बढ़ाएगी. इससे सुरक्षा के कई पहलुओं पर और भी ज्यादा क्षमता के साथ काम किया जा सकेगा.

इस शिविर में कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. जिनमें पुलिस विभाग का आधुनिकीकरण, साइबर क्राइम मैनेजमेंट, क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में आईटी के इस्तेमाल को बढ़ावा देना, लैंड बॉर्डर मैनेजमेंट, कोस्टल सिक्युरिटी, वुमन सिक्युरिटी, ड्रग ट्राफिकिंग जैसे अहम मुद्दे शामिल होंगे. इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को चिंतन शिविर को संबोधित किया था.

केंद्रीय और राज्य सुरक्षाबलों के बीच होगा तालमेल

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस चिंतन शिविर को संबोधित करेंगे. दो दिवसीय चिंतन शिविर की शुरुआत 27 अक्टूबर को हुई थी और यह 28 तारीख यानी आज समाप्त होगा.

पीएमओ ने कहा कि गृह मंत्रियों का चिंतन शिविर प्रधानमंत्री द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में घोषित पंच प्राण के अनुसार आंतरिक सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नीति निर्माण को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करने का एक प्रयास है. पीएमओ के मुताबिक, सहकारी संघवाद की भावना से यह शिविर केंद्र और राज्य स्तर पर विभिन्न हितधारकों के बीच योजनाओं के क्रियान्वयन में अधिक तालमेल लाएगा.

विदेशी चंदे पर बड़ी कार्रवाई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को इस शिविर में कहा था कि कुछ गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) धर्मांतरण, राजनीतिक विरोध, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और देश का आर्थिक विकास बाधित करने के मकसद से धन का दुरुपयोग कर रहे हैं. शाह ने कहा कि ऐसे एनजीओ के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसे एनजीओ को मिलने वाले विदेशी चंदे पर रोक के लिए कड़ा कदम उठाते हुए वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) में संशोधन किया. उन्होंने कहा कि अपराध की प्रकृति आज की दुनिया में बदल रही है और अपराध सीमाविहीन होता जा रहा है. यही वजह है कि राज्यों को इससे लड़ने के लिए साझा रणनीति तैयार करनी पड़ेगी.