वैक्सीन की ना हो कमी, शाम 6 बजे वैक्सीन निर्माताओं से बात करेंगे पीएम मोदी
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शाम 6 बजे वैक्सीन निर्माताओं से बात करेंगे. भारत में वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक कर रहे हैं.
नई दिल्ली: कोरोना के लगातार बढ़ते संकट को देखते हुए सरकार ने 1 मई से 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की अनुमति दे दी है. भारत सरकार ने 1 मई से कोरोना टीकाकरण के तीसरे चरण के रणनीति की घोषणा की. ऐसे में वैक्सीन की देश में कोई कमी ना हो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शाम 6 बजे वैक्सीन निर्माताओं से बात करेंगे. भारत में वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक कर रहे हैं. इससे पहले सोमवार को पीएम मोदी ने प्रतिष्ठित चिकित्सकों, फार्मा कंपनियों और कोविड प्रबंधन से जुड़े अफसरों के साथ अहम बैठक की थी.
भारत में एक मई से वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत हो रही है. तीसरे चरण में टीकों की खरीद और टीका लगवाने की पात्रता में ढील दी जा रही है. एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग कोविड-19 का टीका लगवा सकेंगे.” सरकार ने कहा कि टीका निर्माताओं को उत्पादन और बढ़ाने के लिए तथा नए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विनिर्माताओं को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन दिये जा रहे हैं. टीका निर्माताओं को उनकी 50 प्रतिशत तक आपूर्ति पूर्व घोषित दाम पर राज्य सरकारों और खुले बाजार में बेचने का अधिकार दिया गया. राज्यों को टीका निर्माताओं से अतिरिक्त खुराक सीधे खरीदने का भी अधिकार है. स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले लोगों, 45 साल से अधिक उम्र के लोगों समेत प्राथमिकता वाले समूहों को दूसरी खुराक देने में प्राथमिकता दी जाएगी.
कंपनियों को दिया 4500 क्रेडिट
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच वैक्सीन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक को समर्थन देने को लेकर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. इस संबंध में सोमवार को घोषणा की गई. वित्त मंत्रालय ने सीरम इंस्टीट्यूट के लिए 3,000 करोड़ और भारत बायोटेक को 1,500 करोड़ रुपये प्रदान करने की मंजूरी दी है और इन्हें जल्द ही यह क्रेडिट वितरित किया जाएगा. इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने सुझाव दिया था कि हमें वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए करीब 3000 करोड़ रुपए की जरूरत है.