काशी-तमिल संगमम का उद्घाटन करेंगे PM मोदी, 2 संस्कृतियों के मिलन के बनेंगे गवाह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में काशी-तमिल संगमम का उद्घाटन करेंगे. इस मौके पर वो दो संस्कृतियों के मिलन के गवाह भी बनेंगे. ऐसा पहली बार हो रहा है, जब तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों से 30 हजार लोग काशी में एकजुट हो रहे हैं. इसके लिए तमिलनाडु के कोने-कोने से खास अतिथियों को आमंत्रित किया गया है. काशी-तमिल संगमम के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री खुद वाराणसी पहुंच रहे हैं. वो आज इसका उद्घाटन करेंगे.
तमिलनाडु के 12 प्रमुख मठों के महंत होंगे सम्मानित
‘काशी-तमिल संगमम’ के मौके पर उत्तर-दक्षिण की संस्कृतियों, परंपरा, खानपान और शैलियों का संगम तो होगा ही, तमिलनाडु के 12 प्रमुख मठों के महंतों को सम्मानित किया जाएगा. साल 2024 के चुनावों को लेकर जहां एक और कांग्रेस के राहुल गांधी यात्रा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने भी दक्षिण को अपनी प्राथमिकता में रखा है. वहीं, काशी तमिल संगमम का आयोजन वाराणसी में होने से तमिल वासी भी बेहद उत्साहित हैं. उन्हें लगता है कि सौ सालों पहले जो लिखा गया आज प्रधानमंत्री के चलते वो सार्थक हो रहा है. इसके न सिर्फ एक दूसरे की संस्कृति को हम जान पाएंगे बल्कि उनके खान – पान व्यवसाय से भी जुड़ पाएंगे.
काशी में भी छोटा सा तमिलनाडु
काशी के हनुमान घाट इलाके को छोटा तमिलनाडु कहा जाता है. यहां अधिकतर तमिलनाडु से आए हुए लोग ही बसे हुए है. यहां के मठ और मंदिर भी तमिलनाडु की तरह बने हुए हैं. यहां के लोगों को भी काशी-तमिल संगमम का आमंत्रण पहुंच चुका है और तमिल वासी इस निमंत्रण को पाकर अभिभूत है. सभी का कहना है काशी और तमिल को जोड़ने में ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनोखी पहल है.