पीएम मोदी आज करेंगे NDA सांसदों के बैठक, लोकसभा चुनावों की रणनीति पर होगी चर्चा
बीजेपी और उसके सहयोगी दलों की आज से मीटिंग शुरू होने जा रही है. जिसमें आगामी लोकसभा चुनावों के मुद्दों पर चर्चा होगी. पहली बैठक आज शाम पीएम मोदी के साथ होगी.
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (31 जुलाई) को बीजेपी नेतृत्व वाले एनसीए के सांसदों के साथ बैठक करें. जिसमें आगामी लोकसभा चुनावों की रणनीति और मुद्दों को लेकर चर्चा होगी. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ये बैठक 10 अगस्त तक चलेगी. लोकसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी नेताओं ने पीएम मोदी के साथ बैठक के लिए गठबंधन के सांसदों के दस समूह बनाए हैं. बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक इस बैठक की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (31 जुलाई) को करेंगे. पार्टी की पहली बैठक में पीएम मोदी पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और ब्रज क्षेत्र के सांसदों के साथ चर्चा करेंगे. इन सांसदों की बैठक पीएम मोदी के साथ आज शाम छह बजे महाराष्ट्र सदन में होगी. इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे.
दूसरी बैठक में इन राज्यों के साथ बातचीत करेंगे पीएम मोदी
सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी की दूसरी बैठक झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के अपने सहयोगी दलों के सांसदों के साथ होगी. इस बैठक का आयोजन आज शाम 7 बजे संसदीय सौंध भवन में किया जाएगा. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे. सूत्रों का कहना है कि एनडीए के नेताओं के साथ समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी बीजेपी अध्यक्ष नड्डा के साथ केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी, अमित शाह और राजनाथ सिंह को दी गई है. जो घटक दलों के सभी सांसदों के साथ सहमति बनाने का काम करेंगे.
यूपी में एक बार फिर से परचम लहराना चाहती है बीजेपी
लोकसभा चुनावों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश हर पार्टी के लिए अहम माना जाता है. ऐसे में बीजेपी एक बार फिर से यूपी में अपना परचम लहराना चाहेगी. क्योंकि यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं ऐसे में बीजेपी इस बार राज्य की सभी सीटों पर जीत दर्ज करने की कोशिश करेगी. ऐसे में बीजेपी के सहयोगी दल सुभासपा, अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के साथ आने से उसके लिए सबको सीटों में भागीदारी देना अनिवार्य होगा. ऐसा माना जा रहा है कि कुछ नए क्षेत्रीय दल भी जल्द ही एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं. ऐसे में सभी सहयोगियों के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर परेशानी हो सकती है. क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी ये तनाव देखने को मिला था. तब अपना दल ने अधिक सीटों की दावेदारी कर बीजेपी के लिए मुश्किल पैदा कर दी थी.