नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज कोच्चि में कोचीन शिपयार्ड में भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को कमीशन करेंगे। पीएम मोदी सुबह 9बजकर 30मिनट पर विमानवाहक पोत की भारतीय नौ सेना में नियुक्ती करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री औपनिवेशिक अतीत को दूर करते हुए और समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप नए नौसेना इन्सिग्निया (निशान) का भी अनावरण करेंगे।

कोचीन शिपयार्ड में निर्मित स्वदेशी विक्रांत

भारतीय नौसेना के इन-हाउस वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (WDB) द्वारा डिजाइन किए गए और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को अत्याधुनिक ऑटोमेशन सुविधाओं के साथ बनाया गया है। यह भारत के समुद्री इतिहास में निर्मित अब तक का सबसे बड़ा जहाज है। स्वदेशी विमान वाहक का नाम उसके शानदार पूर्ववर्ती, भारत के पहले विमान वाहक के नाम पर रखा गया है। जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

निर्माण में एमएसएमई रहीं शामिल

आईएनएस विक्रांत में बड़ी मात्रा में स्वदेशी उपकरण और मशीनरी लगाई गई हैं। इसमें देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक एमएसएमई शामिल हैं। विक्रांत की नियुक्ती के साथ, भारत के पास दो ऑपरेशनल एयरक्राफ्ट कैरियर होंगे, जो देश की समुद्री ताकल को और मजबूत करेंगे। भारतीय नौसेना के अनुसार, 262 मीटर लंबे वाहक का वजन लगभग 45,000 टन है जो कि उसके पूर्ववर्ती की तुलना में बहुत बड़ा और अधिक उन्नत है।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस आईएसी विक्रांत

आईएसी विक्रांत के बारे में बात करते हुए, वाइस एडमिरल हम्पीहोली ने कहा कि, विक्रांत में लगभग 30 विमानों का मिश्रण होता है। यह मिग 29k लड़ाकू विमान को एंटी-एयर, एंटी-सरफेस और लैंड अटैक भूमिकाओं में उड़ा सकता है। साथ ही यह कामोव 31 का संचालन करने में भी सक्षम होगा। जो की एक प्रारंभिक वायु चेतावनी हेलीकॉप्टर है, हाल ही में इसे शामिल किया गया है लेकिन अभी तक नियुक्त नहीं हुआ है। वहीं एमएच-60 आर जो एक बहु-भूमिका हेलीकॉप्टर है और साथ ही हमारा स्वदेशी एएलएच भी है। इसका वजन लगभग 45,000 टन है जो निश्चित रूप से सबसे बड़ा युद्धपोत है भारतीय नौसेना की सूची में।