नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना की स्थिति पर पंजाब, कर्नाटक, बिहार और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इन राज्यों में कोरोना की ताजा स्थिति और इसके नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्रियों से बात की। बता दें कि प्रत्येक दिन कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, जिसको लेकर केंद्र सरकार चिंतित है। आलम यह है कि ज्यादातर राज्यों को संपूर्ण लॉकडाउन लगाने पर मजबूर होना पड़ा। आज भी देश में 4 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। लगातार बढ़ रहे आंकड़ों के चलते देश में हालात बदतर होते जा रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से भी हरसभंव कोशिश की जा रही है कि इस वायरस की रोकथाम के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाए।
कोरोना की ताजा स्थिति को लेकर PM मोदी ने पंजाब, कर्नाटक, बिहार और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से की बातचीत
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना की स्थिति पर पंजाब कर्नाटक बिहार और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की। बता दें कि प्रत्येक दिन कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं जिसको लेकर केंद्र सरकार चिंतित है। आज भी देश में चार लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं।
महाराष्ट्र और तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री से भी कर PM कर चुके हैं बातचीत
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से फोन पर कोरोना संकट को लेकर बातचीत की थी। बता दें कि इन राज्यों में कोरोना संक्रमण काफी रफ्तार से फैल रहा है। यहां पर स्थिति काफी गंभीर है। बढ़ते कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए देश के अधिकतर राज्यों में लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू भी लगाया है। लगातार पाबंदियां बढ़ाई जा रही हैं। ताकी संक्रमण की चेन को रोका जा सके।
तमिलनाडु, राजस्थान और पुडुचेरी में 10 मई तक संपूर्ण लॉकडाउन
कई राज्यों ने तो संपूर्ण लॉकडाउन और सख्त पाबंदियां लगाई हैं। तमिलनाडु, राजस्थान और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने 10 मई यानी सोमवार से संपूर्ण लाकडाउन का एलान किया है जो 24 मई तक लागू रहेगा। वहीं कर्नाटक में शुक्रवार शाम से और केरल में शनिवार सुबह से लाकडाउन प्रभावी हो चुका है। वहीं राजधानी दिल्ली और यूपी में लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है।
इतना ही नहीं देश में बढ़ रहे कोरोना मामलों के चलते ऑक्सीजन संकट और मेडिकल उपकरण की कमी भी पैदा हो गई है। मुश्किल की इस घड़ी में दूसरे देश भी भारत की मदद के लिए सामने आए हैं। अन्य देशों से लगातार मेडिकल उपकरण भी भेजे जा रहे हैं।