PM मोदी बोले, इंदौर का गोबर प्लांट अन्य राज्यों के लिए बनेगा मॉडल
- इंदौर का गोबर-धन संयंत्र अन्य राज्यों को प्रेरित करेगा. कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा, इस पहल से देश के शहरों को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त बनाने और उन्हें स्वच्छ ऊर्जा की ओर ले जाने में मदद मिलेगी.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi ) ने शनिवार को इंदौर के देवगुराडिया ट्रेंचिंग ग्राउंड में दक्षिण एशिया (South Asia) के सबसे बड़े बायो-सीएनजी प्लांट का वर्चुअली उद्घाटन किया. 150 करोड़ की लागत से बने इस प्लांट से प्रतिदिन 550 मीट्रिक टन गीले कचरे का निपटान होगा. यह प्लांट एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट है. पीएम मोदी ने गोबर-धन संयंत्र को कम समय में पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी टीम की सराहना की.
इंदौर का गोबर-धन संयंत्र अन्य राज्यों को प्रेरित करेगा. कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा, इस पहल से देश के शहरों को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त बनाने और उन्हें स्वच्छ ऊर्जा की ओर ले जाने में मदद मिलेगी. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज की पहल बहुत महत्वपूर्ण है. शहरों में घरों से छोड़ा जा रहा गीला कचरा, गांवों में जानवरों और खेतों द्वारा छोड़ा गया कचरा एक तरह से ‘गोबर धन’ है. इंदौर में नगरपालिका ठोस कचरा आधारित गोबर-धन संयंत्र के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, यह पहल देश के शहरों को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त बनाने और उन्हें स्वच्छ ऊर्जा की ओर ले जाने में मदद करेगी. पीएम मोदी ने कहा, मुझे खुशी है कि अगले 2 वर्षों में देश के 75 बड़े नगर निकायों में ऐसे गोबर-धन प्लांट और ऐसे बायो-सीएनजी प्लांट बनाने का काम चलेगा.
पीएम ने इंदौर के लोगों के बारे में ही यह बात
पीएम मोदी ने कहा कि इंदौर के लोग सिर्फ सेव के शौकीन नहीं है. यहां के लोगों को अपने शहर की सेवा करना भी आता है. आज का दिन स्वच्छता के लिए है. इंदौर के अभियान को एक नई ताकत देने वाला है. इंदौर को आज गीले कचरे से बायोसीएनजी बनाने का जो गोबर धन प्लांट मिला है, उसके लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई.
क्या है गोबर धन परियोजना
इस योजना के तहत पशुओं के अपशिष्ट, पत्तियों और अन्य ठोस कचरे को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में बदला जाएगा. इस योजना के तहत कई गांवों में कई प्लांट लगाए जाएंगे. इन बायो प्लांटों को ग्रामीण परिवार, ग्रामीण परिवारों का समूह सरकार की मदद से स्थापित कर सकता है. ठोस कचरे का प्रबंधन कर स्वच्छ ऊर्जा की प्राप्त इस परियोजना का मुख्य उद्येश्य है. योजना के तहत सरकार किसानों से गोबर खरीद कर उसे खाद, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में परिवर्तित करेगी.
