सोलन में PM मोदी भावुक, कहा- यहां के चप्पे-चप्पे से वाकिफ, चनेवाला-चौकीदार को किया याद

सोलन में PM मोदी भावुक, कहा- यहां के चप्पे-चप्पे से वाकिफ, चनेवाला-चौकीदार को किया याद

इमोशनल भाषण के जरिए हिमाचलवासियों के भावनाओं को झंकझोरने की कोशिश करते हुए पीएम मोदी ने कहा की वो सोलन के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं. यहां वर्ष 1990 के दौरान हिमाचल के प्रभारी रहते हुए उन्होंने काफी वक्त गुजारा.

हिमाचल विधानसभा चुनाव में शनिवार को सोलन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य प्रभारी रहते हुए यहां बिताए अपने पुराने यादों में खो गए. पीएम ने सोलन के मनोहर लाल चनेवाला और पीडब्ल्यूडी के चौकीदारी खड़क बहादुर और सुंदर लाल को याद किया.  पीएम मोदी ने कहा था कि सोलन में हमने बहुत समय बिताया है. हमने मनोहर चने वाला के दुकान पर कितना चना खाया. मुझे सोलन ने खूब इज्जत दी और खूब खिलाया भी है.

दरअसल सैकड़ों साल पुराना सोलन का मनोहर लाल चनेवाला अब मनोहर लाल एंड संस के नाम से जाना जाता है. दुकान में आज भी वैसे भुना हुआ चना और दूसरे भुने अनाज बेचे जाते हैं. लेकिन आधुनिकता के आवरण की चादर ओढ़े इस दुकान में भुने हुए चना और अनाज के अलावा, नमकीन, खस्ता, मिठाइयां, बेकरी आदि भी बेचा जाता है. मनोहर लाल अब इस दुनिया में नहीं हैं सन 2012 में उनका इंतकाल हो चुका है अब उनकी विरासत उनके बेटे मुकेश संभालते हैं.

यहीं बैठकर चने खाते थे मोदी

जब टीवी 9 भारतवर्ष की टीम मोहन लाल की दुकान पर पहुंची तो उनके बेटे ने बताया कि पिताजी हमेशा इस बात की चर्चा करते रहते थे की मोदी जी उनके साथ कैसे घंटों बिताया करते थे और दुकान पर ही बैठकर चने खाया करते थे.

सोलन के चप्पे-चप्पे से वाकिफ

इमोशनल भाषण के जरिए हिमाचलवासियों के भावनाओं को झंकझोरने की कोशिश करते हुए पीएम मोदी ने कहा की वो सोलन के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं. यहां वर्ष 1990 के दौरान हिमाचल के प्रभारी रहते हुए उन्होंने काफी वक्त गुजारा. पीएम ने कहा सोलन की गलियां-गालियां मुझे याद आती रहती हैं. यहां गेस्ट हाउस के दो चौकीदार खड़क बहादुर और सुंदर लाल मेरा कितना ख्याल करते रहते थे.

PWD गेस्ट हाउस के चौकीदार का जिक्र

टीवी 9 भारतवर्ष की टीम जब सोलन पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंची तो पता चला चौकीदार सुंदर लाल अब इस दुनिया में नहीं रहे और रसोइया खड़क सिंह रिटायर्ड होकर अपने सुदूर गांव में रहते हैं. लेकिन गेस्ट हाउस में काम करने वाले दो हेल्पर मिल गए. पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के हेल्पर राजेंद्र नाहर ने बताया की हमने कई बार मोदी जी को यहां आते, जाते, रहते, भोजन करते देखा है.

हिमाचली मशरूम की सब्जी पसंदीदा व्यंजन

नाहर ने बताया कि तब मेरे पिता इसी गेस्ट हाउस में काम करते थे और हमलोग यहीं के मिले क्वार्टर में रहते थे. वहीं राजेंद्र नाहर के साथ ही एक दूसरे हेल्पर प्रेमचंद भी मिले, जिन्होंने रसोइया खड़क सिंह के साथ लंबे समय तक काम किया. प्रेमचंद ने बताया की साहब को लोकल फूड बहुत पसंद था और हिमाचली मशरूम की सब्जी उनके पसंदीदा व्यंजन होता था. यदि कभी मौका मिला तो जरूर उनको खिलाना चाहेंगे.

एंटी इनकंबेंसी के असर को कम करने की कोशिश

पीएम मोदी ने हिमाचल से अपने कनेक्ट और सूबे में अपनी स्वीकृति को इस चुनाव में आगे करते हुए पार्टी के पक्ष में हवा का रुख मोड़ने की कोशिश की. रैली में भावुक वाकयों का जिक्र करते हुए वोट कमल के लिए और कमल को दिए वोट खुद के अकाउंट में जोड़ने की बात कह हिमाचल में लोकल एंटी इनकंबेंसी के असर को कम करने की कोशिश की.


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