‘वीर बाल दिवस’ कार्यक्रम में शामिल होने भारत मंडपम पहुंचे पीएम मोदी, जानें क्या है इस दिन का महत्व
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीर बाल दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भारत मंडपम पहुंच गए हैं. सिख धर्म में वीर बाल दिवस का काफी महत्व है. जिसे हर साल 26 दिसंबर को मनाया जाता है. पीएम मोदी ने ही इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी. इस दिन को सिख धर्म के सम्मान में मनाया जाता है. दरअसल, वीर बाल दिवस को सिखों के दसवें गुरू गुरू गोबिंद सिंह के पुत्रों की शहादस के सम्मान में मनाया जाता है.
क्यों खास है सिखों के लिए वीर बाल दिवस
बता दें कि गुरु गोबिंद सिंह ने साल 1699 में खालसा पंथ की नींव डाली थी. ये पंथ लोगों को मुगलों के उत्पीड़न से बचाता था. गुरु गोबिंद सिंह का आनंदपुर साहिब में किला था. इस किले पर मुगलों ने कई बार आक्रमण किया. जिससे वे उन्हें इस किले से निकालकर कब्जा कर सकें. लेकिन मुगलों को इस काम में कभी कामयाबी नहीं मिली. उसके बाद मुगलों को उनके साथ समझौता करना पड़ा. जिसमें कहा गया कि अगर गुरु गोबिंद सिंह आनंदपुर छोड़ देंगे तो उनपर कभी हमला नहीं किया जाएगा.
जब गुरु गोबिंद सिंह और उनके अनुयायी यहां से जाने लगे तो सरसा नदी के पास उनपर हमला कर दिया गया. गुरु गोबिन्द सिंह जी के 4 पुत्र थे. जिनका नाम अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह था. गुरु गोबिंद सिंह के चारों पुत्र खालसा पंथ का हिस्सा थे. 26 दिसंबर के दिन सरसा नदी के पास हुए हमले में जोरावर सिंह और फतेह सिंह शहीद हो गए और बाकी परिवार वाले अलग हो गए. जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत को याद करने के लिए ही इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. बता दें कि गुरु गोबिन्द सिंह जी के चारों पुत्र 19 वर्ष की आयु पूरी करने से पहले ही मुगल सेना से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए.