जैसलमेर में टैंक पर सवार हुए पीएम मोदी, लोंगेवाला पोस्ट पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को हर साल की तरह इस साल भी दीवाली का त्योहार मनाने के लिए राजस्थान के जैसलमेर स्थित लोंगेवाला (Longewala) में तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों के पास पहुंचे और उनका हौसला बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने यहां ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने दीवाली के मौके पर जवानों के बीच मिठाई का वितरण किया। प्रधानमंत्री ने लोंगेवाला पोस्ट पर स्थित संग्रहालय केंद्र का भी दौरा किया।
साथ ही उन्होने पाकिस्तान और चीन को सख्त संदेश दिया और कहा कि यदि आजमाने की कोशिश करेंगे तो उन्हें प्रचंड जवाब मिलेगा। इसपर भारत की ओर से रत्ती भर भी समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘आतंक के आकाओं को घर में घुसकर मारता है भारत। जब तक आप (सेना) हैं देश की दीवाली इसी तरह रोशन होती रहेगी। संबोधन के अंत में उन्होंने जवानों के साथ मिलकर भारत माता की जय के नारे लगाए।’ बता दें कि जवानों के साथ दीवाली मनाने की परंपरा को कायम रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी लगातार सातवीं बार जैसलमेर बॉर्डर पर हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, आर्मी चीफ एमएम नरवने और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के डायरेक्टर जनरल राकेश अस्थाना भी हैं।
महिला सशक्तिकरण पर प्रधानमंत्री ने दिया जोर
प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा, आज जिस प्रकार दूसरे क्षेत्रों में महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है उसी तरह हमारे सुरक्षा तंत्र में भी वुमेन पावर की भूमिका को और व्यापक किया जा रहा है।’प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ दीपावली के दिन दरवाजे या गेट के सामने शुभ-लाभ या रिद्धि-सिद्धि आदि रंगोली की परंपरा है। इसके पीछे यही सोच होती है कि दीपावली पर समृद्धि आए। वैसे ही देश की सीमाएं एक प्रकार से देश का द्वार होती हैं। ऐसे में देश की समृद्धि, शुभ-लाभ और रिद्धि-सिद्धि आपसे (सेना) है।’ इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘कोरोना काल में वैक्सीन विकसित करने में जुटे वैज्ञानिकों के साथ ही मिसाइल बनाने वाले वैज्ञानिकों ने देश का ध्यान खींचा है। इस दौरान निरंतर मिसाइलों के टेस्टिंग की खबरें आती रहीं। आप कल्पना कर सकते हैं कि बीते कुछ महीनों में ही देश की सामरिक ताकत कितनी ज्यादा बढ़ गई है।’
प्रधानमंत्री ने जवानों से किए ये तीन आग्रह
प्रधानमंत्री ने संबोधन में तीन आग्रह किए। उन्होंने कहा, ‘ तीन बातों का आग्रह करूंगा। पहला कुछ न कुछ नया इनोवेट करने की आदत को जिंदगी का हिस्सा बनाएं। दूसरा मेरा आग्रह आप लोगों के लिए बहुत जरूरी है हर हालत में योग को बनाएं जीवन का हिस्सा। तीसरा हम सबकी अपनी मातृभाषा है लेकिन यदि सामूहिक जीवन होता है तो मातृभाषा के साथ एक और भाषा सीखें, इससे नई ऊर्जा का संचार होगा।’
सेना के परिवार की देखभाल देश का दायित्व
सेनाओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आपसे मिली इसी प्रेरणा से देश महामारी के इस कठिन समय में अपने हर नागरिक के जीवन की रक्षा में जुटा हुआ है। इतने महीनों से देश अपने 80 करोड़ नागरिकों के भोजन की व्यवस्था कर रहा है। लेकिन इसके साथ ही, देश, अर्थव्यवस्था को वापस गति देने का भी पूरे हौसले से प्रयास कर रहा है। सीमा पर रहकर आप जो त्याग करते हैं, तपस्या करते हैं, वो देश में एक विश्वास पैदा करता है। ये विश्वास होता है कि मिलकर बड़ी से बड़ी चुनौती का मुकाबला किया जा सकता है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सेना के परिवार की देखभाल देश का दायित्व है। साथ ही शहीदों के बच्चों की शिक्षा के लिए कई फैसले लिए गए हैं।’
आजमाने की कोशिश की तो मिलेगा प्रचंड जवाब
उन्होंने कहा, ‘ आज का भारत समझने और समझाने की नीति पर विश्वास करता है लेकिन यदि हमें आजमाने की कोशिश की तो फिर जवाब उतना ही प्रचंड होगा। आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि ये देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है। भारत का ये रुतबा, ये कद आपकी शक्ति और आपके पराक्रम के ही कारण है। आपने देश को सुरक्षित किया हुआ है इसीलिए आज भारत वैश्विक मंचों पर प्रखरता से अपनी बात रखता है।’
‘आत्मनिर्भर भारत’ व ‘लोकल के लिए वोकल बनने’ की दी प्रेरणा
आत्मनिर्भर भारत और लोकल की तरह वोकल का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने सेनाओं को प्रेरित किया और कहा, ‘हाल ही में हमारी सेनाओं ने निर्णय लिया है कि वो 100 से ज्यादा हथियारों और साजो-सामान को विदेश से नहीं मंगवाएगी। आज पूरा विश्व विस्तारवादी ताकतों से परेशान हैं। विस्तारवाद, एक तरह से मानसिक विकृति है और अठ्ठारहवीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है। इस सोच के खिलाफ भी भारत प्रखर आवाज बन रहा है।’
सैनिकों को पीएम ने किया प्रोत्साहित
सीमा पर तैनात सैनिकों को प्रोत्साहित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के पास आप जैसे वीर बेटे-बेटियां हैं। जवानों के बलिदान पर धरती और आसमान को गर्व है। जवानों के शौर्य और वीरता पर इतिहास को गर्व है। हमारे वीर चुनौती पर भारी पड़ते हैं। देशभर की नजरें आप पर हैं राष्ट्र की सुरक्षा में जुटे वीरों को नमन। दुनिया की कोई भी ताकत देश की सीमा की सुरक्षा करने से न रोक सकता है न तोड़ सकता है। सतकर्ता ही सुरक्षा की राह है वही राष्ट्र सुरक्षित है जिसमें मुकाबले की क्षमता है। आपका पराक्रम अतुलनीय है। सतर्कता ही सुख चैन का संबल है।’
हर किसी की जुबां पर लोंगेवाला पोस्ट
इस मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने सरहद पर तैनात जवानों के परिजनों को नमन किया और कहा, ‘मेरी दीवाली जवानों के बीच ही पूरी होती है। आप हैं तो देश का त्योहार है। मैं देश की ओर से जवानों के लिए मिठाई लेकर आया हूं। मिठाई में देश की हर मां के मिठास का अनुभव है। आपके लिए देशवासियों का प्यार लाया हूं।’ उन्होंनेे आगे कहा, ‘हर किसी की जुबां पर लोंगेवाला पोस्ट का नाम है। लोंगेवाला पोस्ट पर शौर्य गाथा लिखी गई है। पराक्रम की चर्चा होगी तो बैटल ऑफ लोंगेवाला को जाना जाएगा।’ पराक्रम की चर्चा होगी तो बैटल ऑफ लोंगेवाला को जाना जाएगा।’
देशवासियों को दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री ने दीपावली के शुभ अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘सभी देशवासियों को दीपावली की हार्दिक मंगलकामनाएं। यह त्योहार लोगों की जिंदगी में खुशहाली लाए और सभी स्वस्थ व समृद्ध रहें।’ शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा था, ‘इस दीपावली हम सभी एक दीया उन सैनिकों के सम्मान में जलाएं जो निडर होकर देश की रक्षा करते हैं। सैनिकों की अनुकरणीय बहादुरी के लिए उनके प्रति शब्दों से कृतज्ञता ज्ञापित करने की भावना न्याय नहीं कर सकती। हम सीमाओं पर डटे सैनिकों के परिवार वालों के प्रति भी कृतज्ञ हैं।’
2014 से दीवाली पर जवानों के साथ होते हैं पीएम
हर साल की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री सीमा पर तैनात वीर और साहसी जवानों के साथ दीवाली मनाएंगे।पिछले वर्ष 27 अक्टूबर 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी में जवानों के साथ दीवाली मनाई थी। आर्मी ड्रेस में प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों के बीच मिठाइयां बांटी थी। इससे पहले 2018 में पीएम मोदी ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सेना और ITBP के जवानों के बीच दीवाली मनाई थी। वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के गुरेज (Gurez) में जवानों के बीच दीवाली मनाने के लिए मौजूद थे।वहीं 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने सियाचिन, 2015 में अमृतसर, 2016 में लाहौल स्पीति में तैनात सैनिकों के साथ दीवाली का त्योहार मनाया था। जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान की मिलने वाली सीमा पर BSF के जवान तैनात हैं।