पीएम मोदी ने जर्मन कंपनियों को भारत में निवेश का आमंत्रण दिया, भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने का ‘सही समय’ बताया

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशिया पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस के 18वें सम्मेलन में जर्मनी की कंपनियों को भारत में निवेश करने का आह्वान किया। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज की उपस्थिति में पीएम मोदी ने शुक्रवार को कहा कि यह भारत की विकास गाथा में साझेदार बनने का सबसे उचित समय है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत वैश्विक व्यापार और विनिर्माण का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है, जो विदेशी निवेशकों के लिए बड़े अवसर प्रस्तुत करता है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पास प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, नवाचार और बुनियादी ढांचे के रूप में चार मुख्य स्तंभ हैं, जो देश को एक आकांक्षी राष्ट्र के रूप में और मजबूत बनाते हैं। उन्होंने जर्मनी के इस निर्णय की भी सराहना की, जिसमें कुशल भारतीय श्रमिकों के वीजा को 20,000 से बढ़ाकर 90,000 कर दिया गया है, और इसे भारतीय कार्यबल में उनके विश्वास का प्रतीक बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सड़कों और बंदरगाहों में रिकॉर्ड निवेश हो रहा है, और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की वैश्विक भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है और इस दृष्टि से जर्मनी की कंपनियों के लिए व्यापार व विनिर्माण का केंद्र बनने के लिए भारत एक आदर्श स्थान है।
द्विपक्षीय व्यापार और नए अवसर
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है, और दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में और मजबूती आ रही है। उन्होंने कहा कि कृत्रिम मेधा, सेमीकंडक्टर, हरित हाइड्रोजन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में निवेश के व्यापक अवसर हैं, और आने वाले समय में जर्मन कंपनियों के लिए यह सहयोग को बढ़ाने का एक बेहतरीन मौका है।
पीएम मोदी ने जर्मन प्रतिनिधिमंडल से भारत की संस्कृति, भोजन और खरीदारी का आनंद लेने का भी आग्रह किया।