पीएम केयर्स फंड में आया ढेर सारा पैसा, ऑडिट करवाएं पीएम मोदी: राहुल गांधी

पीएम केयर्स फंड में आया ढेर सारा पैसा, ऑडिट करवाएं पीएम मोदी: राहुल गांधी

 

  • राहुल गांधी ने पीएम केयर्स की ऑडिटिंग की दोबारा मांग की
  • उन्होंने ट्वीट कर सीधे पीएम नरेंद्र मोदी से ऑडिटिंग सुनिश्चित करवाने को कहा
  • राहुल ने कहा कि पीएम केयर्स फंड में बहुत पैसा आया है जिसका लेखाजोखा होना चाहिए
  • कांग्रेस सांसद ने कहा कि फंड में अब तक जमा और खर्च का हिसाब-किताब देश को बताया जाए

नई दिल्ली
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कोरोना काल में लॉकडाउन, प्रवासी मजदूर, गरीब आबादी और देश की अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर लगातार बोलते रहे हैं। अब उनकी लिस्ट में इस वैश्विक संकट से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड भी शामिल हो गया है। शुक्रवार को वीडियो लिंक के जरिए संवाददाताओं से बातचीत के दौरान पीएम केयर्स की ऑडिटिंग की जरूरत बताने के बाद अगले दिन शनिवार को ट्वीट कर अपनी बात दुहराई।

राहुल की मांग, पीएम केयर्स फंड की हो ऑडिटिंग

कांग्रेस सांसद ने इस बार सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह कोरोना वायरस के संकट से निपटने के मकसद से बने ‘पीएम केयर्स’ फंड का ऑडिट सुनिश्चित करें। उन्होंने ट्वीट किया, ‘पीएम केयर्स फंड को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और रेलवे जैसे बड़े सरकारी उपक्रमों से काफी पैसा मिला है। यह महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री सुनिश्चित करें कि इस कोष का ऑडिट हो और पैसे लेने और खर्च करने का रिकॉर्ड जनता के सामने उपलब्ध हो।’ उन्होंने शुक्रवार को भी मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि पीएम केयर्स कोष का ऑडिट होना चाहिए।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोरोना संकट से निपटने में मदद करने वालों के लिए प्राइम मिनिस्टर सिटिजन असिस्टैंस ऐंड रिलीफ इन इमर्जेंसी सिचुएशन (PM CARES) फंड का गठन किया है। हालांकि, देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जमाने से ही इन परिस्थितियों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) में मदद की रकम मंगाई जा रही थी। मोदी सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई थी।

बिल ऐंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन

  • बिल ऐंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन

    बिल और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने इस जंग में 255 मिलियन डॉलर (करीब 1800 करोड़ रुपये) का दान दिया है।
  • अजीम प्रेमजी

    भारत की तरफ से इस लड़ाई में सबसे ज्यादा डोनेशन अजीम प्रेमजी ने दिया है। उन्होंने 132 मिलियन डॉलर का दान दिया है।
  • जॉर्ज सोरोस

    हंगरी मूल के अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस ने कोरोना के खिलाफ जंग में 130 मिलियन डॉलर दान दिया है।
  • जेफ बेजोस

    दुनिया के सबसे अमीर शख्स और ऐमजॉन के संस्थापक जेफ बेजोस ने इस जंग में 100 मिलियन डॉलर दान दिया है। बता दें लॉकडाउन के बावजूद इनकी संपत्ति में काफी इजाफा हुआ है, जबकि दूसरे बिजनसमैन की संपत्ति में भारी गिरावट आई है।
  • माइकल डेल

    आईटी कंपनी डेल टेक्नॉलजी के चेयरमैन और सीईओ माइकल डेल ने 100 मिलियन डॉलर का डोनेशन किया है।
  • ऐंड्रू फॉरेस्ट

    ऑस्ट्रेलियन अरबपति ऐंड्रू फॉरेस्ट ने 100 मिलियन डॉलर का दान दिया है।
  • जेफरी स्कॉल

    स्कॉल फाउंडेशन के चेयरमैन जेफरी स्कॉल ने भी इस जंग में 100 मिलियन डॉलर का योगदान दिया है।
  • माइकल ब्लूमबर्ग

    मीडिया मोगुल और ब्लूमबर्ग के को-फाउंडर माइकल ब्लूमबर्ग ने 74.5 मिलियन डॉलर का योगदान दिया है।
  • लीन ऐंड स्टेसी

    अमेरिकन फिलांथ्रोपी लीन ऐंड स्टेसी ने इस जंग में 70 मिलियन डॉलर दान दिया है।

 

PMNRF और PM CARES में अंतर

PM CARES PMNRF
पीएम केयर्स का गठन 2020 में तब किया गया जब देश कोरोना महासंकट से जूझ रहा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने जनवरी 1948 में संविधान लागू होने से पहले प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) का गठन किया था। तब जरूरत पाकिस्तान से विस्थापित लोगों की मदद करने की थी।
इसका गठन चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में किया गया है। प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष हैं। तब इसकी संचालन समिति के सदस्यों में एक कांग्रेस अध्यक्ष भी शामिल होते थे।
रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री ट्रस्ट के सदस्य। विज्ञान, स्वास्थ्य, कानून, सार्वजनिक कार्य जैसे क्षेत्रों की प्रसिद्ध हस्तियों को ट्रस्ट के सदस्य के रूप में नामित किया जा सकता है। 1985 में राजीव गांधी की सरकार ने इस फंड का पूर्ण नियंत्रण प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के हाथ में दे दिया।
पीएम केयर्स ट्रस्ट में जमा पैसा किस आपदा में कितना खर्च किया जाए, इसका फैसला मंत्रियों एवं नामित सदस्यों को सामूहिक तौर पर लेना होगा। 1985 से इस कोष का कितना पैसा, किस आपदा पर खर्च होगा, यह सिर्फ प्रधानमंत्री की सिफारिश पर तय होने लगा।
पीएम केयर्स में जो कोई भी जितना भी धन दान करेगा, वह पूरी की पूरी रकम टैक्स छूट के दायरे में आएगी। टैक्स छूट का यह नियम व्यक्ति, संस्था या कंपनी सब पर लागू होगा। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दान की गई पूरी रकम टैक्स छूट के दायरे में आती है।
कंपनियों के लिए एक और अच्छी बात यह है कि वो पीएम केयर्स फंड में दान की गई रकम को कंपनीज ऐक्ट 2013 के तहत सीएसआर यानी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी मद में हुआ खर्च बता सकती हैं। कंपनियां इस फंड में भी दान देकर रकम को सीएसआर खर्च के तौर पर दिखा सकती है।
पीएम केयर्स के खातों की ऑडिटिंग कौन करेगा, यह अब तक स्पष्ट नहीं है। PMNRF फंड के खातों की ऑडिटिंग भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ओर से नहीं होती है, कोई थर्ड पार्टी ही ऑडिट करती रही है।

 


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