PM मोदी ने वंदे भारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी, बोले- ‘भारत के संकल्पों और सामर्थ्य का प्रतीक है ये ट्रेन’

PM मोदी ने वंदे भारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी, बोले- ‘भारत के संकल्पों और सामर्थ्य का प्रतीक है ये ट्रेन’
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज तेलंगाना को सौगात दी। पीएम मोदी ने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बहुत लाभ होगा। इस ट्रेन से सिकंदराबाद और विशाखापट्टनम के बीच लगने वाला समय भी अब कम हो जाएगा।

New Delhi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज तेलंगाना को सौगात दी। पीएम मोदी ने 8वीं वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। पीएम मोदी ने सिकंदराबाद को विशाखापत्तनम से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि ये ट्रेन नए भारत के संकल्पों और सामर्थ्य का प्रतीक है। ये उस भारत का प्रतीक है, जो तेज बदलाव के रास्ते पर है। ऐसा भारत जो अपने सपनों और अकाक्षाओं को लेकर अधीर है। ऐसा भारत जो तेजी से चलकर अपने लक्ष्यों तक पहुंचना चाहता है।

पीएम मोदी ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को दी बधाई

पीएम मोदी ने कहा कि आज तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को एक भव्य उपहार मिल रहा है। मैं दोनों राज्यों के लोगों को ट्रेन के लिए बहुत बहुत बधाई देता हूं। आज सेना दिवस भी है। अपनी सेना पर देश के हर नागरिक को गर्व है। इस समय पोंगल, माघ बीहू, मकर संक्राति, उत्तरायन का भी उत्साह दिखाई दे रहा है।

श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बहुत लाभ होगा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बहुत लाभ होगा। इस ट्रेन से सिकंदराबाद और विशाखापट्टनम के बीच लगने वाला समय भी अब कम हो जाएगा। ये ट्रेन एक तरह से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की साझा संस्कृति और साझा विरासत को जोड़ने वाली है।

‘8 साल पहले तक भारतीय रेल को लेकर सुनने को मिलती थी बातें’

इस अवसर पर पीएम मोदी ने आगे कहा कि 8 साल पहले तक हमने देखा है कि किस प्रकार भारतीय रेल को लेकर निराशा ही देखने सुनने को मिलती थी। सुस्त रफ्तार, गंदगी का अंबार, टिकट बुकिंग से जुड़ी शिकायतें, आए दिन होती, दुर्घटनाएं देख कर देश के लोगों ने मान लिया था कि भारतीय रेल में सुधार असंभव है।

साफ और ईमानदार नीयत से हमने चुनौती का सामना किया- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब भी रेलवे में नए इंफ्रास्ट्रक्चर की बातें होती थी तो बजट के अभाव का बहाना बनाया जाता था। नुकसान की बातें होती थी। साफ और ईमानदार नीयत से हमने इस चुनौती के समाधान का निर्णय किया। बीते 8 सालों में भारतीय रेलवे के बदलाव के पीछे भी यही मंत्र है।