नई दिल्‍ली। रूस यूक्रेन युद्ध और ताइवान से तनाव के बीच शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization summit) की 15-17 सितंबर को उज्बेकिस्तान के असमरकंद में बैठक होनी है। इसमें पीएम मोदी (PM Narendra Modi) पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के साथ पहली बार मंच साझा करेंगे। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों में मुलाकात होगी या नहीं, यह अभी स्‍पष्‍ट नहीं है। इस बैठक में पीएम मोदी की रूस और चीन के राष्‍ट्रपतियों के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना जाई जा जा रही है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग अगले सप्ताह होने वाले शिखर सम्मेलन में एक दूसरे से मुलाकात करेंगे। एससीओ के कुल 8 सदस्‍य देश हैं जिसमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्‍तान, किर्गिस्‍तान, कजाखस्‍तान, उज्‍बेकिस्‍तान और ताजिकिस्‍तान शामिल हैं। बताया जा रहा है। इसमें बेलारूस और बेलारूस भी शामिल हो सकते हैं।

ईरान को सदस्‍य बनाने पर चीन पर जोर

अमेरिका को झटका देने के लिए चीन ईरान को इस संगठन का सदस्‍य बनाने पर पूरा जोर दिए हुए है। बैठक के दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्‍ट्रपति के बीच मुलाकात हो सकती है। चीनी पक्ष इसकी तैयारी कर रहा है, लेकिन भारत ने कोई औपचारिक आधिकारिक ऐलान नहीं किया है। भारत ने एलान किया कि गोगरा-हॉट स्प्रिंग इलाके के पेट्रोलिंग प्‍वाइंट 15 से दोनों देशों की सेनाएं हट रही हैं। यह प्रक्रिया 12 सितंबर तक पूरी होगी।

पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात

ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं हैं कि यह सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया अगर पूरी हो जाती है तो समरकंद में पीएम मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हो सकती है। रूस की कोशिश है कि भारत व चीन को एक साथ लाकर पश्चिमी देशों के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया जाए। यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर जहां पश्चिमी देशों की लामबंदी बढ़ी है, वहीं रूस फिलहाल दुनिया में अलग-थलग पड़ा है। केवल चीन ही उसकी खुलकर मदद कर रहा है।