पायलट ने खोला राहुल गांधी के साथ उस तस्वीर का राज, कहा- नहीं बनना चाहता था उप-मुख्यमंत्री

पायलट ने खोला राहुल गांधी के साथ उस तस्वीर का राज, कहा- नहीं बनना चाहता था उप-मुख्यमंत्री

नई दिल्ली: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट को मंगलवार को उप मुख्यमंत्री एवं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटा दिया। इसके साथ ही पार्टी ने पायलट के साथ गए सरकार के दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह एवं रमेश मीणा को भी उनके पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया। वहीं राजस्थान में राजनीतिक तूफान के केंद्र सचिन पायलट ने डेप्युटी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद पहली बार सचिन पायलट का दर्द भी छलका।

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उन्होंने कहा कि हम जिस तस्वीर की बात कर रहे हैं वह दिसंबर 2018 की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद कैसे मुख्यमंत्री पद पर उनकी स्वाभाविक दावेदारी थी लेकिन राहुल गांधी की बात रखने के लिए उन्होंने न चाहते हुए भी डेप्युटी सीएम का पद स्वीकार किया। पायलट ने कहा कि राहुल गांधी के जोर देने पर वह पद लेने को तैयार हुए जबकि उनका मन नहीं था। राहुल गांधी ने गहलोत को सत्ता और काम के बराबर बंटवारा का निर्देश दिया लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसा करने के बजाय उनपर हमेशा तंज कसने और अपमानित करने का काम किया। 14 दिसंबर को राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ अपनी तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा था- द यूनाइटेड कलर्स ऑफ राजस्थान।

मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रहा हूं: पायलट 
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं। पायलट ने बातचीत में यह भी कहा कि उन्होंने कांग्रेस को राजस्थान की सत्ता में वापस लाने के लिए बहुत मेहनत की थी । यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं तो उन्होंने कहा, च्च्मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रहा हूं। पायलट का कहना था कि राजस्थान के कुछ नेता इन अफवाहों को हवा दे रहे हैं कि मैं भाजपा में शामिल होने जा रहा हूं, जबकि यह सच नहीं है। दोनों प्रमुख पदों से हटाए जाने के बाद पायलट ने पहली बार सार्वजनिक रूप से इतनी विस्तृत टिप्पणी की है। माना जा रहा है कि वह जल्द ही अपने अगले कदम के बारे में कोई निर्णय करेंगे। गौरतलब है कि अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावती रुख अपनाने वाले पायलट एवं उनके साथी नेताओं के खिलाफ कांग्रेस ने मंगलवार को कड़ी कार्रवाई की। पायलट को उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया । दो समर्थक मंत्रियों को भी उनके पदों से हटा दिया गया।

कांग्रेस भाजपा ने आगे की रणनीति बनानी शुरू की
राजस्थान में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित तीन मंत्रियों को निष्कासित करने के बाद कांग्रेस ने आगे उड़ान की रणनीति शुरू कर दी है वहीं भारतीय जनता पार्टी भी सक्रिय हो गई है। पायलट के निष्कासन के बाद एक होटल में ठहरे कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी आज भी जारी रही है। विधायकों की एकजुटता पर निगाह रखी जा रही है। श्री पायलट के समर्थकों की संख्या एवं  गहलोत के समर्थकों की संख्या का सही आंकड़ा भी सामने नहीं आया है। लेकिन माना जा रहा है कि गहलोत के पास अभी बहुमत है और भाजपा द्वारा तोडफ़ोड़ की आशंका भी बनी हुई है। पायलट को हटाने के बाद गहलोत ने संगठनात्मक स्तर पर रणनीति को अंजाम दे दिया है तथा पायलट समर्थकों को हटाने के साथ नई प्रदेश कार्यकारिणी बनाने पर काम शुरू हो गया है। गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार के लिए भी रणनीति बना रहे हैं।