नई दिल्ली । यूथ बार एसोसिएशन आफ इंडिया (वाईबीएआइ) ने घर-घर जाकर कोरोना टीकाकरण की खातिर नियम बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वाईबीएआइ ने इसके लिए उचित कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की है। कहा है कि देश में रहने वाले बुजुर्ग, दिव्यांग, कमजोर तबके और अन्य ऐसे लोगों के लिए यह नियम बनाया जाना चाहिए, जो आनलाइन वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकते।

वाईबीएआइ युवा और जागरूक वकीलों का संगठन है। इसने वकील-सनप्रीत सिंह, अजमानी, कुलदीप राय, मंजू जेटली और बबली सिंह के जरिये सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। इन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि प्रतिवादी को निर्देश दें कि वह बुजुर्गो, कमजोर तबके और ऐसे लोग जो आनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकते उन्हें घर-घर जाकर टीका देने पर विचार करे।

राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत करवाया जाए वैक्सीनेशन

याचिकाकर्ताओं ने प्रतिवादी को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि वह एक पोर्टल बनाए, जिसके जरिये वंचित तबके के लोगों को खुद को रजिस्टर करने की सुविधा मिले। इसके साथ ही उनके सवालों और शंकाओं का भी इस पर उन्हें उनकी क्षेत्रीय भाषाओं में जवाब दिया जाए। इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों, अगले मोर्चे के कर्मियों और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों का सरकारी केंद्रों पर मुफ्त टीकाकरण जारी रहने देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सभी टीकाकरण राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत करवाया जाना चाहिए।

देश में कोरोना के टीकाकरण की बात करें तो भारत में अब तक 17 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। वहीं इस आंकड़े तक पहुंचने के लिए चीन को 119 दिनों का समय लगा जबकि अमेरिका को 115 दिन लगे थे।

गौरतलब है कि भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू किया गया था। 2 फरवरी से स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं का टीकाकरण शुरू किया गया था। इसके बाद अन्य आयु के लोगों का टीकाकरण शुरू किया गया था।