जमीयत उलमा-ए-हिंद की सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में याचिका दाखिल

जमीयत उलमा-ए-हिंद की सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में याचिका दाखिल
मौलाना अरशद मदनी
फिल्म उदयपुर फाइल्स के प्रदर्शन पर रोक का मामला
अरशद मदनी बोले: फिल्म आहत करने वाली, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगा देश की छवि को नुकसान
देवबंद। जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से विवादित फिल्म उदयपुर फाइल्स के प्रदर्शन पर रोक के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में याचिका दाखिल की गई है। जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि फिल्म आहत करने वाली है और इसके रिलीज से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को नुकसान पहुंचेगा।
बता दें, कि दिल्ली हाईकोर्ट ने जमीयत की ओर से दायर याचिका पर फिल्म के प्रदर्शन पर रोक (स्टे) दिए जाने और सेंसर बोर्ड से जारी सर्टिफिकेट पर पुनर्विचार करने को लेकर अपील दाखिल करने के निर्देश दिए थे। इसके अनुपालन में मौलाना अरशद मदनी के अधिवक्ताओं ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के समक्ष याचिका दाखिल की है। मौलाना मदनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उदयपुर फाइल्स जैसी फिल्में समाज में नफरत और विभाजन को बढ़ावा देती हैं। इसकी प्रचार-प्रसार से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल हो सकती है। कहा कि हमारा देश सदियों से गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक रहा है। जहां हिंदू-मुस्लिम एक साथ रहते आए हैं। ऐसी फिल्मों से देश की सांप्रदायिक एकता को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसलिए सेंसर बोर्ड से प्रदान किया गया सर्टिफिकेट रद्द किया जाना बेहद जरुरी है।

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