‘राम मंदिर से चिढ़ने वाले लोग महाकुंभ को कोस रहे’, भागलपुर में पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना

‘राम मंदिर से चिढ़ने वाले लोग महाकुंभ को कोस रहे’, भागलपुर में पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना

पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को भागलपुर पहुंचे. यहां से उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त जारी की. इस दौरान विभिन्न विकास परियोजनाओं का भी उद्धाघटन किया. जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने महाकुंभ को लेकर कहा कि ये जंगलराज वाले इस महापर्व को गाली दे रहे हैं. राम मंदिर से चिढ़ने वाले लोग महाकुंभ को कोस रहे हैं. ऐसे लोगों को बिहार कभी माफ नहीं करेगा.’ बीते दिनों लालू यादव ने कुंभ को कहा था, “कुंभ का क्या मतलब है, फालतू है कुंभ.”

महाशिवरात्रि की तैयारियां हो रही

पीएम ने कहा, “महाकुंभ के समय में मंदराचल की इस धरती पर आना सौभाग्य की बात है. इस धरती में आस्था भी है, विरासत भी है. इसके साथ विकसित भारत का सामर्थ्य भी है. ये शहीद तिलकामांझी की धरती है. ये सिल्क सिटी भी है. बाबा अजगैबीनाथ की पावन धरती में  इस वक्त महाशिवरात्रि की तैयारियां हो रही हैं. ऐसे पवित्र समय पर उन्हें पीएम किसान निधि की एक और किस्त देश के करोड़ों किसानों को भेजने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है.”

विकसित भारत चार मजबूत स्तंभ

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “मैंने लाल किले से कहा है कि विकसित भारत चार मजबूत स्तंभ की तरह है. ये स्तंभ हैं- गरीब, किसान, महिला और नौजवान. NDA की सरकार चाहे केंद्र में हो या प्रदेश में हो, किसान कल्याण उनकी पहली प्राथमिकता है.”

NDA सरकार ने हालात को बदला

बिहार में पीएम मोदी ने लालू यादव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “पहले किसान संकट से घिरा था. जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं वो इन हालातों को समझ नहीं सकते हैं. मगर NDA सरकार ने हालात को बदलने की कोशिश की है. बीते वर्षों में हमने सैकड़ों आधुनिक किस्म के बीज किसानों को दिए. पहले यूरिया के लिए किसान लाठी खाता था. यूरिया की कालाबाजारी होती थी. आज किसानों को काफी खाद मिल रही है.”

किसानों को खाद के लिए लाठियां खानी पड़ती: मोदी

पीएम मोदी ने कहा, कोरोना के महासंकट के समय भी किसानों को हमने खाद की कमी नहीं हो दी. इस दौरान अगर NDA सरकार न होती तो क्या होता? NDA सरकार अगर न होती तो आज भी किसानों को खाद के लिए लाठियां खानी पड़ती. NDA सरकार न होती तो आज किसानों को यूरिया की एक बोरी 3 हजार प्राप्त हो रही होती.”