Pegasus Controversy : जासूसी कांड- बसपा मुखिया मायावती तथा अखिलेश यादव का नरेंद्र मोदी सरकार पर जोरदार हमला

- मायावती ने कहा कि जासूसी का गंदा खेल व ब्लैकमेल आदि कोई नई बात नहीं किन्तु काफी महंगे उपकरणों से निजता भंग करके मंत्रियों विपक्षी नेताओं अफसरों व पत्रकारों आदि की सूक्ष्म जासूसी करना अति-गंभीर व खतरनाक मामला है।
लखनऊ। इजरायल के एक साफ्टवेयर पेगासस के जरिये जासूसी के ताजा विवाद पर नई दिल्ली में संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दलों के बवाल के बाद बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के तेवर भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ बेहद तल्ख हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस प्रकरण में केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के साथ ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी जासूसी कांड पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। मायावती और अखिलेश यादव जासूसी कांड को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलने से नहीं चूके।
पेगासस विवाद पर मायावती बोलीं-लोगों के गले नहीं उतर रहे हैं सरकार के तर्क
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को पेगासस पर विवाद को लेकर दो ट्वीट किया है। इस प्रकरण पर विपक्षी दलों की आक्रामकता को लेकर मायावती ने कहा कि जासूसी का गंदा खेल व ब्लैकमेल आदि कोई नई बात नहीं, किन्तु काफी महंगे उपकरणों से निजता भंग करके मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, अफसरों व पत्रकारों आदि की सूक्ष्म जासूसी करना अति-गंभीर व खतरनाक मामला है। जिसका भंडाफोड़ हो जाने से यहां देश में भी खलबली व सनसनी फैली हुई है।
मायावती ने कहा कि इसके संबंध में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का बार-बार अनेकों प्रकार की सफाई व खंडन के साथ तर्क लोगों के गले के नीचे नहीं उतर पा रहे हैं। अब तो सरकार व देश की भी भलाई इसी में है कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर यथाशीघ्र इसकी पूरी स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच कराई जाए, ताकि आगे जिम्मेदारी तय की जा सके।
निजता के अधिकार का उल्लंघन
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे निजता के अधिकार का उल्लंघन कहा है। अखिलेश ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर कहा कि फोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना निजता के अधिकार का घोर उल्लंघन है। अगर यह काम भाजपा करवा रही है तो यह बेहद दंडनीय है और अगर भाजपा सरकार यह कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसकी नाकामी है। कहीं पर भी फोन से जासूसी एक लोकतांत्रिक अपराध है।
गौरतलब है कि पेगासस स्पाइवेयर के जरिये कई भारतीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक करने की खबरों के बीच इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप ने आरोपों को गलत और गुमराह करने वाला बताया है। कंपनी ने कहा कि वह मानहानि का मुकदमा दाखिल करने पर विचार कर रही है।