पटना। फुलवारीशरीफ के नया टोला में पापुलर फ्रंट पर इंडिया (पीएफआइ) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) की आड़ में संचालित देश विरोधी गतिविधियों की सच्चाई अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) सामने लाएगी। फुलवारीशरीफ से सामने आए टेरर माड्यूल की जांच केंद्र सरकार ने एनआइए को सौंप दी है। मामले में एनआइए अपनी ओर से नई एफआइआर भी दर्ज कर सकती है। पुलिस की जांच के क्रम में कई बड़े खुलासे हुए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन से पहले गुप्त सूचना पर पुलिस ने 12 जुलाई को एफआइआर दर्ज की थी। इसके बाद कार्रवाई में पटना के फुलवारीशरीफ से सुरक्षा बलों ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। छापेमारी नया टोला स्थित एसडीआइपी (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया) और पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) के कार्यालय में की गई थी।
गिरफ्तार किए गए तीनों की आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने की जानकारी थी। जांच में तीनों के पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित अन्य देशों से भी जुड़े होने के साक्ष्य मिले थे। आरोपित संगठन की आड़ में सिमी के पुराने सदस्यों को एकजुट कर उनको गोपनीय रूप से प्रशिक्षण देते थे। हथियार चलाने से लेकर देश में उन्माद पैदा करने की रणनीति बताई जाती थी। इनका मकसद 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना था।
संदिग्ध के मोबाइल में मिला था नूपुर शर्मा का नंबर
संदिग्ध अतहर परवेज के मोबाइल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा का पता और मोबाइल नंबर भी मिला था। गुप्त संगठन के जरिए दिल्ली में नूपुर के घर की रेकी भी की जा चुकी थी। इनके गुप्त संगठन का मुख्य उद्देश्य था भारत में मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार का बदला लेना और उनको निशाना बनाकर हमला करना था। नूपुर द्वारा दिए गए बयान के बाद उनसे बदला लेने के लिए मुहिम चलाई जा रही थी। इसी क्रम में महाराष्ट्र के अमरावती और राजस्थान के उदयपुर में बदला लिया गया। अतहर के साथ 26 से अधिक लोगों के शामिल होने की बात भी सामने आई थी। पुलिस इस बात का जिक्र दर्ज प्राथमिकी में भी किया है।
इस्लाम के खिलाफ कमेंट करने वालों पर करने थे हमले
अतहर पीएफआइ के इशारे पर ही देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। गुप्त संगठन को तैयार कर उन्हें यह कहा गया था कि जो भी इंटरनेट मीडिया पर इस्लाम धर्म पर कमेंट या आपत्तिजनक टिप्पणी करता है, उनको निशाना बनाकर हमला करना है। इस मुहिम में अतहर के साथ जलाद्दीन, समीम अख्तर, रियाज मारिफ, सनाउल्लाह, महबूब आलम, तौसिफ आलम, एहसान सहित कई लोगों का भी उसने उजागर किया था। अतहर के पास से मिले मोबाइल से पुलिस मैसेज सहित अन्य डाटा को भी रिकवर कर रही है। संगठन में चुनिंदा लोगों में अतहर सहित एक अन्य के घर से पुलिस द्वारा बरामद सामग्री और दस्तावेजों से यह भी उजागर हो चुका है कि यह लोग 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की मुहिम पर काम कर रहे थे।
