कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही मरीज ने अस्पताल की 5वीं मंजिल से लगाई छलांग, मौत
- कर्नाटक के बेंगलुरु में एक दर्दनाक हादसा सामने आया, यहां कोरोना वायरस से संक्रमित शख्स ने आत्महत्या की
- उसका इलाज अस्पताल में चल रहा था, वह अस्पताल की पांचवीं मंजिल से नीचे कूद गया, उसकी मौके पर ही मौत
- पुलिस ने बताया कि 50 वर्षीय व्यक्ति को कोरोना लक्षणों के बाद अस्पताल लाया गया था, सांस लेने में दिक्कत थी
बेंगलुरु
कर्नाटक के बेंगलुरु में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। यहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। उसका इलाज अस्पताल में चल रहा था। वह अस्पताल की पांचवीं मंजिल से नीचे कूद गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि 50 वर्षीय व्यक्ति को कोरोना लक्षणों के बाद अस्पताल लाया गया था। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को सांस लेने में दिक्कत थी। अस्पताल में उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद शख्स के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी। मरीज को विक्टोरिया अस्पताल के ट्रॉमा वॉर्ड में भर्ती कराया गया।
एसपी ने बताया कि रविवार को उसने अस्पताल की पांचवीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। घरवालों ने बताया कि मरीज को कोरोना को लेकर डर था। जब कोरोना पॉजिटिव आया तो वह यह बात सहन नहीं कर पाए और आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है।
511 तक पहुंची कोरोना मरीजों की तादाद
इस बीच कर्नाटक में संक्रमण के आठ नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद कुल संक्रमित लोगों की संख्या 511 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग ने अपने बुलेटिन में बताया कि अब तक संक्रमण के 511 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इसमें 19 लोगों की मौत और 188 लोगों का स्वस्थ होना शामिल हैं। आठ नए मामले में से तीन संक्रमित मरीज के संपर्क में आए हैं और एक इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) से ग्रसित है जबकि अन्य ने मुंबई की यात्रा की थी।
COVID-19: कोरोना से ठीक हुए तबलीगी जमात के लोगों ने किया ब्लड प्लाज्मा डोनेटदेश में कोरोनावायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं और इसकी वजह से देश भर में लॉकडाउन चल रहा हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या 27,000 के करीब पहुंच चुकी है। अब तक 800 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। बीते महीने दिल्ली में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम के बाद कोरोना के मामले तेजी से सामने आए थे। जमात से जुड़े सैकड़ों लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे। उनको क्वारंटाइन कर इलाज किया गया। उनमें से कुछ अब ठीक हो चुके हैं और अब वह दूसरे मरीजों की जान बचाने के लिए अपना ब्लड प्लाज्मा दान कर रहे हैं।