अपनी दवा बेच सकती है पतंजलि, लेकिन कोरोना के इलाज के लिए नहीं
- पतंजलि आयुर्वेद ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने उसकी दवा कोरोनिल को बेचने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है
- कंपनी ने हाल में कोरोना के इलाज के लिए कोरोनिल नाम से दवा लॉन्च की थी।
- कंपनी अब इसे कोरोना की दवा के बजाय, कोरोना को मैनेज करने का उत्पाद बता रही है
- आयुष मंत्रालय ने भी पुष्टि की है कि पतंजलि इसे बेच सकती है लेकिन कोरोना के इलाज के नहीं
हरिद्वार/नई दिल्ली
योग गुरू रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने आज कहा कि आयुष मंत्रालय ने उसकी दवा कोरोनिल को बेचने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। कंपनी ने हाल में कोरोना के इलाज के लिए कोरोनिल नाम से दवा लॉन्च की थी। हालांकि कंपनी अब इसे कोरोना की दवा नहीं बता रही है, बल्कि उसका कहना है कि यह बीमारी को मैनेज करने के लिए एक उत्पाद है। इस बीच आयुष मंत्रालय ने भी इस बात की पुष्टि की है कि पतंजलि इस उत्पाद को बेच सकती है लेकिन कोरोना के इलाज की दवा के रूप में नहीं।
मंत्रालय ने कहा कि उसने केवल इम्युनिटी बढ़ाने के लिए इस खास फॉम्युलेशन को बेचने की अनुमति दी है। कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली दवा के रूप में इसकी अनुमति नहीं दी गई है। बाबा रामदेव ने हरिद्वार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि पतंजलि ने कोरोना महामारी से निपटने के अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा, जो लोग इन दवाओं का इस्तेमाल करना चाहते हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इनकी बिक्री पर कोई पाबंदी नहीं है। आज से ये देश में कहीं भी एक किट में उपलब्ध होंगे। पतंजलि कोरोनिल के साथ दो और उत्पादों को प्रमोट कर रही है।
कोविड ट्रीटमेंट नहीं कोविड मैनेजमेंट
रामदेव ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने उन्हें इस दवा के लिए कोविड ट्रीटमेंट के बजाय कोविड मैनेजमेंट शब्द इस्तेमाल करने को कहा है और वह इस आदेश का पालन कर रहे हैं। कंपनी भले ही कोरोनिल को कोविड-19 की दवा बताने के दावे से पीछे हट गई है लेकिन उसका दावा है कि हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों पर इसका ट्रायल सफल रहा था। कंपनी ने अपने प्रेस नोट में दावा किया कि जरूरी मंजूरियों के बाद ही दवा का ट्रायल किया गया था और इससे कोरोना के मरीज सात दिन में ठीक हो गए थे। कंपनी का दावा है कि आयुष मंत्रालय ने इस बात पर सहमति जताई है कि पतंजलि नें कोविड-19 से निटने के लिए उचित काम किया है।
कंपनी ने कहा अब आयुष मंत्रालय और पतंजलि में कोई मतभेद नहीं है। मंत्रालय ने पतंजलि को पूरे देश में दिव्य कोरोनिल टैबलेट, दिव्य श्वासरी वटी और दिव्य अनु तालिया बनाने और वितरित करने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति उत्तराखंड सरकार के आयुर्वेदिक और यूनानी सेवा विभाग की स्टेट लाइसेसिंग अथॉरिटी के तहत दी गई है। उत्तराखंड का यह विभाग उन एजेंसियों में शामिल था जिन्होंने कोविड-19 के इलाज के लिए दवा बनाने के पतंजलि के दावे पर सवाल उठाए थे। उसका कहना था कि कंपनी को इम्युनिटी बढ़ाने का उत्पाद बनाने के लिए लाइसेंस दिया गया था।