अफगानिस्तान के गजनी प्रांत में यात्री विमान क्रैश, 38 यात्री और छह चालक दल के सदस्य थे सवार
अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत गजनी में सोमवार को एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह यात्री विमान था अथवा सैन्य विमान और इस विमान में कितने लोग सवार थे। इस बीच, अफगानिस्तान की सरकारी एयरलाइन कंपनी ‘आरियाना अफगान एयरलाइन्स’ ने इनकार किया है कि उसका कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
गज़नी प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता आरिफ नूरी ने एएफपी से कहा, गजनी प्रांत के देह यक जि़ले में स्थानीय समयानुसार दोपहर एक बज कर 10 मिनट (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार आठ बजकर 40 मिनट) के करीब एक विमान हादसे का शिकार हो गया। विमान में आग लगी हुई है और ग्रामीण इसे बुझाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, हम अब भी नहीं जानते हैं कि क्या यह सैन्य विमान था या वाणिज्यिक। प्रांत में पुलिस के एक प्रवक्ता ने भी विमान हादसे की पुष्टि की लेकिन उन्हें विमान के बारे में जानकारी नहीं थी। सोशल मीडिया पर अलग-अलग जानकारियां आ रही हैं। कुछ लोगों का दावा है कि विमान सरकारी आरियाना अफगान एयरलाइंस का है, लेकिन कंपनी ने कहा है कि अफवाहें ‘सही नहीं हैं।’
कंपनी ने फेसबुक के अपने पेज पर कहा, आरियाना अफगान एयरलाइंस की सभी उड़ानें सामान्य तरीके से पूरी हुई हैं। अफगानिस्तान के नागर विमानन प्राधिकरण ने भी इन रिपोर्टों का खंडन किया है कि हादसे का शिकार होने वाला वाणिज्य विमान है।
प्राधिकरण ने कहा, नियंत्रण टावर और यातायात नियमन प्राधिकरण से मिली हमारी जानकारी के मुताबिक, कोई भी वाणिज्य उड़ान दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुई है। आरियाना अफगान एयरलाइंस ने हमें पुन: आश्वस्त किया है कि उनके सारे विमान सही हैं।
गजनी प्रांत में ग्रामीण इलाकों का बड़ा हिस्सा तालिबान के कब्ज़े या प्रभाव में है। इसलिए अधिकारियों के लिए इलाके में पहुंचना मुश्किल है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा कि वे विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के दावों की जांच कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने इसके अलावा कुछ नहीं कहा
अफगानिस्तान में खराब मौसम की वजह से सैन्य विमान दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं, खासकर हेलीकॉप्टर।
अफगानिस्तान में पिछली बार मई 2010 में असैन्य विमान हादसे का शिकार हुआ था। तब पमीर एयरवेज का विमान खराब मौसम के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। यह विमान उत्तरी कुंदुज प्रांत से काबुल जा रहा था। इसमें 38 मुसाफिर और छह चालक दल के सदस्य सवार थे।