Parliament Monsoon Session: राजनाथ सिंह का बयान, Manipur Violence पर चर्चा को तैयार हम, विपक्ष ही गंभीर नहीं

Parliament Monsoon Session: राजनाथ सिंह का बयान, Manipur Violence पर चर्चा को तैयार हम, विपक्ष ही गंभीर नहीं

New Delhi : संसद का मानसून सत्र चल रहा है. दूसरे दिन भी विपक्ष मणिपुर हिंसा के साथ-साथ वहां के हालातों को लेकर पीएम मोदी के बयान पर अड़ा हुआ है. जबकि दूसरी तरफ सरकार इस पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है. खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को सत्र के दूसरे दिन इस बारे में बयान दिया. राजनाथ सिंह ने कहा कि, हमारी सरकार मणिपुर हिंसा को लेकर सदन में चर्चा के लिए हर वक्त तैयार है, लेकिन विपक्ष के रवैये से यही लगता है कि वे इस मुद्दे पर चर्चा को लेकर किसी भी तरह से गंभीर नहीं हैं.

बता दें कि शुक्रवार 21 जुलाई को भी मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग के बीच विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया. इसके साथ ही नारेबाजी भी की. इस बीच राजनाथ सिंह ने कहा कि, हम चाहते हैं कि मणिपुर के हालातों पर सदन में चर्चा हो, लेकिन सदन में ऐसे भी दल हैं जो चाहते ही नहीं कि इस मुद्दे पर चर्चा हो.

विपक्ष पर राजनाथ ने लगाया ये आरोप
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में विपक्ष को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि मणिपुर के हालातों पर जितना संजीदगी से लेना चाहिए विपक्ष उतना ही इस गंभीर मसले को लेकर अजीब रवैया अपना रहा है. विपक्ष को जितना गंभीर होना  चाहिए उतना लग नहीं रहा है. हालांकि विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही सिर्फ 4.30 मिनट ही चली. वहीं 12 बजे तक लिए सदन की कार्यवाही को लोकसभा स्पीकर ने स्थगित भी कर दिया.

गृहमंत्री कर सकते हैं संबोधित
मिली जानकारी के मुताबिक, मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सदन को संबोधित कर सकते हैं. वो विपक्ष के हर सवाल का जवाब भी सदन में दे सकते हैं.

AAP सांसद संजय सिंह का नोटिस हुआ अस्वीकार
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की ओर से मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए दिया गया नोटिस अस्वीकार कर दिया गया है. इस पर संजय सिंह ने भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा देश का एक हिस्सा जल रहा है. यहां लगातार हत्याएं हो रही हैं, हिंसा हो रही है, महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया जा रहा है, उनके साथ दुष्कर्म हो रहे हैं और संसद में इस पर चर्चा के लिए दिया गया नोटिस तक अस्वीकार कर दिया जा रहा है. ऐसे तो हालात किस तरह सुधरेंगे.

क्या बोले स्पीकर
वहीं विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी कई बार विपक्ष को मनाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि, चर्चा होने दीजिए. लोगों को बोलने दीजिए. क्योंकि बोलने और चर्चा के जरिए ही समाधान निकलते हैं. हंगामा करना या स्टैंड बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा.


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