प्राइवेट स्कूलो की खुली लूट व गुंडागर्दी से अभिभावक परेशान

हापुड़/नोएडा [दिग्विजय त्यागी]: प्राइवेट स्कूलो की मनमानी व लूट से बच्चों के अभिभावक पहले से ही परेशान थे अब तो हद ही हो गई है। स्कूल अब गुंडागर्दी पर भी उतारू हो गए है। अभिभावकों के साथ बदतमीजी व गुंडों की तरह धमकी देना प्राइवेट स्कूलो में प्रबंधन की बढ़ रही गुंडागर्दी को दर्शाता है।
दरअसल, नया सेशन शुरू होते ही स्कूलो द्वारा अभिभावकों का टार्चर शुरू हो जाता है, हालाँकि टार्चर तो वर्ष भर चलता है लेकिन नए सेशन की शुरुआत में यह सातवें आसमान पर होता है। फीस के अतिरिक्त नई किताबे, कॉपी, व नई ड्रेस के नाम पर एक नई लूट शुरू हो जाती है।
कमाल की बात तो यह है कि हर स्कूल ने स्टेशनेरी, किताबे, कॉपी व ड्रेस खरीदने के लिए दुकानों को निर्धारित किया हुआ है। स्कूल प्रबंधन अभिभावकों को इन लगी-बंधी दुकानों से ही खरीददारी करने का दबाव बनाते है। और यदि कोई अभिभावक विरोध करने का साहस करता है तो उसके साथ स्कूल स्टाफ बदतमीजी व गुंडागर्दी करता है।
हापुड़ में 24 सिटी न्यूज ने स्कूल में लगी किताबों के बारे में जानकारी की तो पता चला कि एक स्कूल की किताबे केवल एक दुकान पर ही मिलेंगी। साथ ही जिस किताब की कीमत 50-60 रुपये होने चाहिए उसकी एमआरपी 300 व 400 रुपये तक निर्धारित की हुई है। दुकानदार एमआरपी पर ही किताबों को सेल करता है। एक दुकानदार ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि हमे एमआरपी पर ही किताबे कॉपियाँ देने के लिए कहा जाता है। एक किताब पर लगभग 80 प्रतिशत तक का प्रॉफ़िट लिया जाता है। इस प्रॉफ़िट का एक बड़ा हिस्सा स्कूल प्रबंधन को जाता है। स्कूलो द्वारा निर्धारित की गई दुकानों पर कॉपियाँ भी एमआरपी पर बेची जा रही है जबकि अन्य दुकान पर कॉपी की एमआरपी पर 30% का डिस्काउंट दिया जा रहा है।
हापुड़ में टूलिप इंटरनेशनल व मिनीलँड कान्वेन्ट स्कूल का हाल सबसे बुरा है। इन दोनों स्कूलो द्वारा की जा रही लूट सबसे अधिक है। साथ ही अभिभावकों को इन दोनों स्कूलो में सबसे अधिक प्रताड़ना झेलनी पड रही है। मिनीलेंड कान्वेन्ट स्कूल में तो अभिभावकों के साथ की जा रही बदतमीजी व गुंडागर्दी से अभिभावक बहुत खिन्न व नाराज है। स्कूल प्रबंधन से बार-बार इस स्टाफ द्वारा की जा रही गुंडागर्दी की शिकायत कर चुके है लेकिन प्रबंधन इस गुंडागर्दी करने वाले स्टाफ से बहुत खुश है। शायद स्कूल प्रबंधन ने इस स्टाफ को इसी कार्य के लिए नियुक्त किया हुआ है।
सरकार इन शिक्षा माफिया के आगे घुटने टेक चुकी है सब कुछ जानकार भी इन माफियाओ पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।