पालघर लिंचिंग: मारे गए संत सुशील गिरि के गांव में पसरा मातम, मां ने कहा- न्याय चाहिए

पालघर लिंचिंग: मारे गए संत सुशील गिरि के गांव में पसरा मातम, मां ने कहा- न्याय चाहिए
हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र के पालघर में मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर गुस्से की आग यूपी तक पहुंची
  • यूपी के सुलतानपुर जिले के रहने वाले थे मॉब लिंचिंग में मारे गए संत सुशील गिरि
  • 17 अप्रैल को कांदिवली से सूरत जा रहे सुशील गिरि समेत 3 लोगों की पालघर के नजदीक कर दी गई थी पीट-पीटकर हत्या

सुलतानपुर
महाराष्ट्र के पालघर में मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर गुस्से की आग यूपी तक पहुंच गई है। मॉब लिंचिंग में मारे गए संत सुशील गिरि यूपी के सुलतानपुर के रहने वाले थे। उनकी हत्या की खबर से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोगों में शोक के साथ-साथ आक्रोश भी है। सुशील की मां ने अपने बेटे किए न्याय की मांग की है।बता दें कि 17 अप्रैल को कांदिवली से सूरत जा रहे सुशील गिरि समेत तीन लोगों की पालघर के नजदीक पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मामले में अब तक 110 की गिरफ्तारी हो चुकी है।

सुशील गिरि सुलतानपुर जनपद के चांदा थाना क्षेत्र के प्रतापपुर कमैचा (चांदा बाजार) के निवासी थे। अभी कुछ महीने पहले वह भिक्षा लेने गांव आए थे और मां का हालचाल लिया था। घर वालों के समझाने के बाद भी वह संन्यास छोड़ने को तैयार नहीं हुए और वापस लौट गए। मौत की सूचना पर उनके घर पर मातम छाया हुआ है। परिजनों में शोक की लहर है। मां ने अपने बेटे को न्याय दिलाने की मांग की है।

संत सुशील गिरि का बचपन का नाम शिवनारायण उर्फ रिंकू दुबे था। घर वालों के मुताबिक 16 वर्ष की उम्र में ही संतों का सानिध्य प्राप्त कर उन्होंने घर छोड़ दिया था। कुछ वर्षों बाद वे भीक्षा लेने घर पर आए तो घर वालों ने बहुत समझाया बुझाया लेकिन नहीं माने। फिर संतों के पास चले गए। बाद में हर दूसरे-तीसरे साल अपनी मां का हालचाल लेने कभी भी घर पर आते जाते थे। अभी कुछ महीनों पहले वे गांव आये तो परिजनों ने फिर समझाया,लेकिन वे नहीं माने।

सुशील की हत्या की खबर से पूरे परिवार में मातम छाया हुआ है। मां ने कहा कि उनके पुत्र को न्याय मिलना चाहिए। उधर लंभुआ विधायक देवमणि द्विवेदी मृतक संत के गांव पहुंचे और परिवारीजनों को ढांढस बंधाया और सीएम महाराष्ट्र उद्धव ठाकरे से बात कर न्याय दिलाने की मांग की।


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