FATF के खौफ से लखवी पर कार्रवाई का दिखावा कर रहा पाक, पहले भी तीन बार कर चुका है ऐसा ढोंग लेकिन इस बार उल्टा पड़ा दांव

नई दिल्ली । मुंबई हमले के साजिशकर्ता जकी उर रहमान को पाकिस्तान सरकार ने एफएटीएफ में अपनी इमेज सुधारने की कोशिश के तहत गिरफ्तार किया है। लेकिन जिस आरोप में लखवी को शनिवार को गिरफ्तार किया गया, वह पाकिस्तान हुक्मरानों की कलई खोलती है। यही नहीं पाकिस्तान इस बार अपने ही बुने जाल में फंसता नजर आ रहा है। दरअसल, लखवी पर आरोप है कि वह एक निजी एजेंसी के जरिए आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा जुटा रहा था। जबकि पाक एफएटीएफ के समक्ष पिछले दो वर्षों से यह दुहाई दे रहा है कि उसने आतंकी फंडिंग रोकने के लिए हर रास्ता बंद कर दिया है।
और उल्टा पड़ा दांव
भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान यहीं अपने ही बुने जाल में फंस गया है। फरवरी 2021 की बैठक में इस बारे में पाकिस्तान को सफाई देनी होगी। पाकिस्तान को यह बताना होगा कि मुंबई हमले का मास्टरमाइंड जिस पर पाकिस्तान की अदालत में मामला लंबित है, वह किस तरह से आतंकी फंडिंग कर रहा था। ये आरोप अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के इस शंका को मजबूत करते हैं कि पाकिस्तान में आतंकियों की फंडिंग रोकने के लिए अभी तक पुख्ता उपाय नहीं किए हैं।
फरवरी में होनी है अगली बैठक
एफएटीएफ की आगामी बैठक फरवरी में होनी है जिसमें पाकिस्तान की तरफ से पिछले तीन महीनों के दौरान आतंकी संगठनों व आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाइयों की समीक्षा की जाएगी। भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का मानना है कि पाकिस्तान पहले भी जब अंतरराष्ट्रीय दबाव में आता है तो वह सईद, रहमान व दूसरे आतंकियों पर कार्रवाई करने का ढोंग करता है और कुछ दिनों बाद उन्हें रिहा कर दिया जाता है।
10 वर्षों में चार बार गिरफ्तार किया गया
पिछले 10 वर्षों में सईद को कम से कम चार बार गिरफ्तार किया गया है जबकि शनिवार को रहमान की पांच वर्षों बाद दूसरी गिरफ्तारी है। मुंबई हमले के मुख्य आतंकी जकी उर रहमान को मुंबई हमले की साजिश रचने के आरोप में पाकिस्तान में वर्ष 2009 में गिरफ्तार किया गया और फिर उसे वर्ष 2015 में जमानत पर रिहा किया गया। इस बार भी ऐसा किया जा रहा है। इसी तरह से पठानकोट हमले के बाद मौलाना मसूद अजहर को गिरफ्तार किया गया और बाद में उसे रिहा कर दिया गया। ऐसा कई बार किया जा चुका है।
फटकार लगा चुका है एफएटीएफ
एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी है जो गैर कानूनी तरीके से पैसे की आतंकी संगठनों तक पहुंचाने की गतिविधियों को रोकथाम में लगी है। पिछले दो वर्षों से पाकिस्तान इस एजेंसी की निगरानी सूची में है और इसने पाकिस्तान सरकार को फिलहाल 27 ऐसे कदम उठाने को कहा है जिससे यह साबित हो कि वहां आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कदम उठाये जा रहे हैं। अक्टूबर, 2020 में एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान से कहा गया कि उसने छह मामलों में संतोषप्रद कदम नहीं उठाये हैं।
एफएटीएफ के खौफ से कार्रवाई का दिखावा
लिहाजा उसे फरवरी 2021 तक का वक्त दिया गया। पाकिस्तान को जो कदम उठाने हैं उसमें एक यह भी है कि वहां आतंकी गतिविधियों को फंडिंग करने वाले तमाम रास्ते बंद किये जा चुके हैं और वहां की एजेंसियां उनके खिलाफ लगातार कदम उठा रही है। एफएटीएफ की इस बैठक को ध्यान में रखते हुए और दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए पाकिस्तानी एजेंसियों ने लखवी के अलावा संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आतंकी घोषित हाफिज सईद व उसके कुछ सहयोगियों पर भी कार्रवाई करने का दावा किया है।