ऑपरेशन सिंदूर में पिटे पाकिस्तान को अब भी सता रहा हमले का डर, चीन से मिला धोखा तो सऊदी अरब से मांगी सुरक्षा की भीख

ऑपरेशन सिंदूर में पिटे पाकिस्तान को अब भी सता रहा हमले का डर, चीन से मिला धोखा तो सऊदी अरब से मांगी सुरक्षा की भीख

इस्लामाबाद: ऑपरेशन सिंदूर में बुरी तरह पिटे पाकिस्तान को अब भी भारत से हमले का डर सता रहा है। भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर विध्वंसक हमला किया था, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई की कोशिश पर भारत ने उसके 11 सैन्य ठिकानों को मिसाइल हमले में तहस-नहस कर दिया था। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान द्वारा छोड़े गए चीनी और तुर्की हथियारों को मार गिराया था। लिहाजा अब पाकिस्तान सुरक्षा की दुहाई करने सऊदी अरब पहुंचा है। बुधवार को पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किया है।

पाकिस्तान और सऊदी में क्या हुआ समझौता

पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार को जिस रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए, उसके मुताबिक किसी एक देश पर आक्रामकता को दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। यह जानकारी मीडिया रिपोर्टों में दी गई है। यह रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की रियाद यात्रा के दौरान किया गया। यह जानकारी पाकिस्तान के जिओ न्यूज ने दी। डॉन अखबार के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि इस समझौते के तहत किसी एक देश पर किया गया हमला, दोनों देशों पर हमला माना जाएगा।

पाक और सऊदी अरब ने जारी किया बयान

समझौते के बाद दोनों देशों के संयुक्त बयान में कहा गया, “लगभग आठ दशकों से चली आ रही भाईचारे, इस्लामी एकता और साझा रणनीतिक हितों पर आधारित साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए दोनों पक्षों ने रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता द्विपक्षीय सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करने और क्षेत्रीय व वैश्विक शांति में योगदान देने की संयुक्त प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

पाकिस्तान को भारत के साथ इजरायल से भी हमले का खतरा

पाकिस्तान को सिर्फ भारत से ही नहीं, बल्कि इजरायल से भी हमले का खतरा सता रहा है। ऐसे में पाकिस्तान ने इस्लामिक भाईचारा की दुहाई देकर सऊदी अरब के साथ यह डील की है। ताकि उसके ऊपर हमला होने पर सऊदी अरब किसी तरह पाकिस्तान की रक्षा में सहयोग कर सके। जिओ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार इसका उद्देश्य रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाना और किसी भी आक्रामकता के खिलाफ संयुक्त प्रतिरोध को सुदृढ़ करना है। सबसे महत्वपूर्ण यह कि समझौते में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि एक देश पर हमला होता है, तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा।”

खाड़ी देशों में सहयोग बढ़ाने पर जोर

ऑपरेशन सिंदूर में चीन और तुर्की के हथियारों के फेल होने के बाद अब पाकिस्तान खाड़ी देशों में अपने संबंधों को मजबूत करने में जुटा है, ताकि अगली बार हमला होने पर यह देश उसकी तबाही को बचाने में मदद कर सकें। बदली रणनीतिक परिस्थितियों में पाकिस्तान को अब भारत के अलावा दूसरा सबसे बड़ा खतरा इजरायल से महसूस हो रहा है। सऊदी अरब के साथ हुई इस डील के दौरान शहबाज शरीफ अपने साथ विदेश मंत्री इशाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगज़ेब, सूचना मंत्री अताउल्लाह तारड़, पर्यावरण मंत्री मुसद्दिक मलिक और विशेष सहायक तारिक फातमी की पूरी फौज लेकर गए थे।

एक हफ्ते में शहबाज की खाड़ी देशों में तीसरी यात्रा

प्रधानमंत्री शरीफ़ की एक सप्ताह में यह खाड़ी क्षेत्र में यह तीसरी यात्रा है। इससे पहले वह 2 बार कतर गए, जहां उन्होंने हमास नेतृत्व पर इज़रायल के हमले के बाद दोहा के प्रति एकजुटता व्यक्त की और इस मुद्दे पर अरब-इस्लामी देशों की आपात बैठक में भाग लिया।

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