नई दिल्ली। पैगंबर मोहम्मद पर कथित विवादित बयान के बाद भाजपा से निष्कासित नूपुर शर्मा को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, नूपुर शर्मा की गिरफ़्तारी हो और भारत के कानून के दायरे में रहकर उनके खिलाफ कार्रवाई हो। मुझे यकीन है कि 6-7 महीनों में नूपुर शर्मा फिर आएंगी और उनको एक बड़ी नेता के रूप में पेश किया जाएगा। हो सकता है कि वे दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की दावेदार बन जाएं
उन्होंने कहा है कि मुझे यकीन है कि वह 6-7 महीने में फिर से आएगी। उन्हें एक बड़े नेता के रूप में पेश किया जाएगा और वह दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की दावेदार भी बन सकती हैं। इसके साथ ही एक बार फिर से ओवैसी ने नूपुर शर्मा को गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा के खिलाफ भारत के कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। एक हफ्ते पहले भी नूपुर शर्मा के खिलाफ कोई एक्शन नहीं होने को लेकर ओवैसी ने व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। इससे पहले 6 जून को ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नूपुर शर्मा को भाजपा से सस्पेंड करने से काम नहीं चलेगा। ओवैसी ने नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग उठाई थी।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि मोदी सरकार को इसपर 10 दिन पहले एक्शन लेना था। लेकिन तब पीएम से अपील के बावजूद कुछ नहीं हुआ। अब जब गल्फ देशों में मसला बड़ा हुआ तो भाजपा हरकत में आई और एक्शन लिया गया। ओवैसी ने कहा कि भाजपा और मोदी को 10 दिन बाद ख्याल आया कि उनके प्रवक्ता ने कुछ किया है जिससे मुसलमान की भावना को ठेस पहुंची है।
जानें- क्या है नुपुर शर्मा विवाद
बता दें कि भाजपा की नेता रहीं नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्णणी की थी। इस टिप्पणी को लेकर मुस्लिम देशों की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई। सऊदी अरब के अलावा कतर, पाकिस्तान, कुवैत, ईरान और इस्लामिक सहयोग संगठन ने भी इसकी निंदा की थी। पार्टी से निलंबित होने के बाद नूपुर शर्मा ने माफी भी मांगी थी। उन्होंने कहा, मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। उन्होंने कहा कि मेरी मंशा किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी, अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।