ओवैसी ने मोहन भागवत पर साधा निशाना, कहा- ‘देश को मोदी और संघ से है खतरा’

ओवैसी ने मोहन भागवत पर साधा निशाना, कहा- ‘देश को मोदी और संघ से है खतरा’

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने भागवत की उस टिप्पणी को निशाना बनाया, जिसमें उन्होंने हिंदू समाज को आंतरिक मतभेदों को खत्म कर एकजुट होने की बात कही थी। ओवैसी ने आरोप लगाया कि देश में असली खतरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस से है, न कि हिंदू या मुसलमानों को।

ओवैसी ने रविवार को तेलंगाना के निजामाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “हिंदू, मुसलमान, दलित, आदिवासी, सिख, ईसाई सभी को मोदी और मोहन भागवत से खतरा है।” उन्होंने कहा कि देश में किसी धर्म या समुदाय को कोई बाहरी खतरा नहीं है, बल्कि इन दोनों के नेतृत्व में ही विभाजनकारी राजनीति की जा रही है।

भागवत का बयान

मोहन भागवत ने शनिवार को राजस्थान के बारां में स्वयंसेवक एकत्रीकरण कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और हिंदू समाज को अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि हिंदू समाज सभी को गले लगाता है और समरसता के साथ जीता है। ओवैसी ने इस बयान पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देश के विभिन्न समुदायों को विभाजित करने का काम किया है, जबकि देश बेरोजगारी और अन्य गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है।

फलस्तीन मुद्दे पर फिर बोले ओवैसी

अपने संबोधन में ओवैसी ने एक बार फिर फलस्तीन के मुद्दे को उठाते हुए प्रधानमंत्री मोदी से इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर दबाव डालने और युद्धविराम की कोशिश करने का आग्रह किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हमास के हमले के बाद इजराइल ने 40,000 से अधिक फलस्तीनियों की हत्या की है। ओवैसी ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह करता हूं कि वे नेतन्याहू से बात करें और पश्चिम एशिया में युद्धविराम के लिए दबाव डालें।”

ओवैसी का यह बयान उनके फलस्तीन समर्थक रुख को दोहराता है, जिसे लेकर वे पहले भी विवादों में रहे हैं। उन्होंने 18वीं लोकसभा में शपथ लेते समय भी “जय फलस्तीन” का नारा देकर सदन में हंगामा खड़ा कर दिया था, जिसके बाद उनकी टिप्पणी को कार्यवाही से हटा दिया गया था।


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