जॉब के लिए रूस गए भारतीयों को बुलाने की ओवैसी ने की थी मांग, भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिया ये बयान

जॉब के लिए रूस गए भारतीयों को बुलाने की ओवैसी ने की थी मांग, भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिया ये बयान

MEA: रूस में फंसे भारतीयों को वापस भारत लाने की एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मांग पर भारतीय विदेश मंत्री का जवाब आया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है कि रूस में फंसे नागरिकों की शीघ्र रिहाई के लिए भारतीय दूतावास संबंधित रूसी अधिकारी से लगातार संपर्क में है। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर रूस में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने में मदद की अपील की थी। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि रूस में फंसे नागरिकों की शीघ्र रिहाई के लिए भारतीय दूतावास संबंधित रूसी अधिकारी से लगातार संपर्क में है।

रूस में फंसे भारतीय मजदूरों को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम इससे अवगत हैं कि कुछ भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना में हेल्पर के काम के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। उनकी शीघ्र रिहाई के लिए भारतीय दूतावास संबंधित रूसी अधिकारी से लगातार संपर्क में है। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें इस बात का जिक्र था कि कुछ भारतीयों को ‘हेल्पर्स’ के तौर पर काम करने के लिए हायर किया था, अब वो यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर हैं। इनमें से ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू कश्मीर के रहने वाले हैं।

ओवैसी ने किया था ये अनुरोध

यही नहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने भी बुधवार को केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि नौकरियों का वादा कर एजेंटों द्वारा ठगे गए 12 भारतीय युवकों को वापस लाने के लिए वह कदम उठाए। ओवैसी ने उन युवकों की पीड़ा का जिक्र किया जिन्हें नौकरी का वादा कर रूस ले जाया गया और उन्हें कथित तौर पर यूक्रेन के साथ सीमा पर युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया।

कई राज्यों के युवकों को दिसंबर में ले जाया गया था रूस

ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से युवकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए रूसी सरकार से बातचीत करने का अनुरोध किया। हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के युवकों को पिछले साल दिसंबर में रूस ले जाया गया था।


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