‘दूसरे कदम उठाने होंगे’, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों को लेकर RSS की खरी-खरी ; केंद्र सरकार से की मांग
नई दिल्ली। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा अभी थमी नहीं है। बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने खुद माना है कि हसीना सरकार के जाने के बाद देश में अल्पसंख्यकों पर 88 बार हमले हुए हैं। उधर इन घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी चिंता जाहिर की है।
केंद्र सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील
आरएसएस ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जाहिर की है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि केंद्र सरकार को बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए और ठोस कदम उठाने चाहिए।नागपुर में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उससे हर हिंदू को आक्रोशित होना चाहिए।’ बता दें कि ‘सकल हिंदू समाज’ के तले कार्यक्रम का आयोजन बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध, जैन और अन्य समुदायों के खिलाफ हो रहे हमलों की निंदा करने के लिए आयोजित किया गया था।
केंद्र को इन हमलों को रोकने के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए। सरकार को अधिक ठोस कदम उठाने चाहिए। मुझे उम्मीद है कि इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाया जा सकता है, लेकिन अगर बातचीत विफल हो जाती है, तो हिंसा को रोकने के लिए कोई अन्य समाधान ढूंढ़ा जाना चाहिए।
उन्होंने ये भी कहा कि हमारे मंदिरों को जलाया जा रहा है, लूटा जा रहा है, महिलाओं पर अत्याचार किया जा रहा है। जो कुछ हो रहा है, उससे हर हिंदू को आक्रोशित होना चाहिए। घटनाओं की निंदा करना और परेशान होना ही काफी नहीं है। हमें गुस्से और दुख से आगे बढ़ना होगा।
बांग्लादेश सरकार ने मानी हमलों की बात
इससे पहले बांग्लादेश ने मंगलवार को यह माना कि शेख हसीना सरकार के अपदस्थ होने के बाद देश में अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदुओं के विरुद्ध हिंसा की 88 घटनाएं हुई हैं। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने बताया कि इन घटनाओं में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पांच अगस्त से 22 अक्टूबर के दौरान अल्पसंख्यकों से संबंधित घटनाओं को लेकर कुल 88 मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि मामलें और गिरफ्तारियां और बढ़ सकती है, क्योंकि कई क्षेत्रों में हिंसा की नई घटनाएं सामने आई हैं।