दारुल उलूम देवबंद के संगठन राब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया अरबिया की बैठक का आयोजन

- दारूलउलूम देवबंद
देवबंद [24CN]: दारुल उलूम देवबंद के संगठन राब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया अरबिया की बैठक में देश के कोने कोने से आए उलमाओ ने भाग लिया। बैठक में नई शिक्षा नीति-2019 पर गहन चर्चा हुई तथा मदरसों पर पड़ने वाले इसके असर का जायजा लेने क लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। साथ ही कई अन्य प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई।
सोमवार को दारुल उलूम के मेहमानखाने में आयोजित बैठक में दारुल उलूम के मोहतमिम एवं राब्ता-ए-मदारिस के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि दीनी मदारिस आलिम-ए-दीन तैयार करने के साथ ही जिम्मेदार और शांतिपसंद नागरिक बनाने का काम कर रहे हैं। लेकिन मौजूदा दौर में मदरसों का संचालन करना मुश्किल होता जा रहा है। इसलिए इनकी हिफाजत को कारगर नीति बनाई जानी बेहद आवश्यक है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आज सबसे ज्यादा जरुरत इस बात की है कि बुजुर्गों के नक्शे कदम पर चलते हुए मदरसों को नए तकाजों के मुताबिक ढाला जाए। बैठक में मौलाना सिद्दीकुल्लाह चौधरी, मौलाना रहमतुल्लाह मीर, मौलाना अशहद रशीदी, मौलाना नेमतुल्लाह, मौलाना अब्दुल कवी आदि ने भी विचार रखे।
इससे पूर्व राब्ता मदारिस इस्लामिया के संचालक मौलाना शौकत अली ने वार्षिक रिपोर्ट पेश की। बैठक में शिक्षा को ओर अधिक बेहतर बनाने, मदरसों को राष्ट्र के लिए अधिक लाभकारी बनाने, शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई।