अदबी व सामाजिक संस्था जहान-ए-अदब के बैनर तले एक शेरी नशिस्त का आयोजन

अदबी व सामाजिक संस्था जहान-ए-अदब के बैनर तले एक शेरी नशिस्त का आयोजन
शेरी नशिस्त में के दौरान शायर

चुका ना पाया पसीना जो ब्याज की किस्तें: नईम अख्तर

देवबंद: अदबी व सामाजिक संस्था जहान-ए-अदब के बैनर तले एक शेरी नशिस्त का आयोजन हुआ। जिसमें शायर तनवीर अजमल ने खूबसूरत कलाम सुनाया कि खूबसूरत सा इक हादसा हो गया, उसका मैं हो गया वो मेरा हो गया।

मोहल्ला किला पर दिलशाद खुशतर के आवास पर शायर अनवार-उल-हक के सम्मान में हुई नशिस्त की शुरुआत दिलशाद खुशतर की नात-ए-पाक से हुई। इसके उपरांत शादा फलावदी ने कहा कि तुम्हारे शहर में लाएगा फिर जुनूं हमको, हमारे नाम के पत्थर संभाल कर रखिए। दिलशाद खुश्तर ने कुछ यूं कहा कि हाथ से हाथ मिलाने वालों, दिल मिलाओ तो बात बन जाए। शमीम किरतपुरी ने कहा कि मसरूर मेरा दिल है मोहब्बत के असर से, अल्लाह तू बचा ले इसे दुश्मन की नजर से। नईम अखतर ने पढ़ा..चुका ना पाया पसीना जो ब्याज की किस्तें, लहू को रोटी पे मल मल के खा रहे हैं लोग, वसीम ज्ञानी ने कहा..लब-ए-साहिल पे कहती हैं तड़पती मछलियां रो कर, हमें पानी में रहने दो हमारा घर समंदर है सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। इनके अलावा डॉ. काशिफ अख्तर, आजम साबरी, सुहैल अकमल ने भी अपना कलाम पेश किया। अध्यक्षता जावेद हाशमी व संचालन सुहैल अकमल ने किया।