सुरक्षा में सेंध पर बिफरा विपक्ष, ‘आवाज उठाना हमारा संसदीय कर्म और धर्म’

नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध लगाए जाने की घटना पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक टकराव बढ़ गया है। इस मुद्दे पर अपने 14 सांसदों के निलंबन के बाद भी विपक्ष ने दोनों सदनों में सुरक्षा में चूक का मुद्दा उठाते हुए हंगामा किया जिसके चलते संसद की कार्यवाही पूरे दिन नहीं चल पाई। इतना ही नहीं, विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए के दलों ने यह भी साफ कर दिया है कि सुरक्षा की इस गंभीर चूक से जुड़े सवालों का गृह मंत्री अमित शाह जब तक दोनों सदनों में स्पष्टीकरण नहीं देते, तब तक संसद की कार्यवाही नहीं चल पाएगी।
विपक्षी दलों ने साफ कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर लोकसभा के भीतर कूदने की घटना की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री सोमवार को दोनों सदनों में बयान देंगे तभी गतिरोध का हल निकलेगा। शुक्रवार को जैसे ही विपक्ष ने संसद की सुरक्षा में चूक का मामला उठाकर हंगामा शुरू किया, लोकसभा की कार्यवाही एक मिनट के अंदर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में भी विपक्षी सदस्यों ने गृह मंत्री से बयान की मांग करते हुए वेल में जाकर नारेबाजी शुरू कर दी तो सदन दो बजे तक स्थगित कर दिया गया।
दोनों सदन की कार्यवाही ठप
विपक्ष ने दोपहर दो बजे भी दोनों सदनों में गृह मंत्री से स्पष्टीकरण देने की मांग नहीं छोड़ी और हंगामे के कारण लगातार दूसरे दिन दोनों सदन की कार्यवाही ठप हो गई। विपक्षी दल लोकसभा में अपने 13 और राज्यसभा में एक सांसद डेरेक ओ ब्रायन के निलंबन को लेकर भी उद्वेलित हैं। मगर सरकार की घेरेबंदी के लिए रणनीतिक तौर पर वे इस मुद्दे को सदन में ज्यादा तूल देने के बजाय सुरक्षा में चूक को मुद्दा बना रहे हैं।
आवाज उठाना हमारा संसदीय कर्तव्य और संसदीय धर्म
गृह मंत्री के संसद में बयान नहीं देने और इस मसले पर एक मीडिया के कार्यक्रम में अपनी बात कहने पर भी राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सवाल उठाते हुए सदन में पहले अमित शाह के बयान और फिर उस पर संक्षिप्त चर्चा की मांग की। खरगे ने एक्स पर पोस्ट में भी कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर मुद्दे पर आवाज उठाना हमारा संसदीय कर्तव्य और संसदीय धर्म है। खरगे ने विपक्षी सांसदों को निलंबित किए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि संसद और सांसदों की सुरक्षा में जो भारी चूक हुई है, उस पर विपक्ष के सांसदों को गैरकानूनी तरीके से निलंबित करना किस तरह का न्याय है।
संसद की अवमानना
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने प्रेस कान्फ्रेंस में संसद में पक्ष-विपक्ष के बीच बढ़े टकराव के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के अहंकार के कारण दो दिन से संसद नहीं चल पाई है। गृह मंत्री ने मीडिया चैनल में जो बयान दिया है, वही बात अगर वह संसद में कह देते तो सदन चल सकता था और जब सत्र चल रहा हो तो सदन के बाहर बयान देना संसद की अवमानना है। आइएनडीआइए की सभी पार्टियां एकमत हैं कि गृह मंत्री सदन में एक बयान दें जिसके बाद संक्षिप्त चर्चा हो और कुछ सवालों का स्पष्टीकरण दिया जाए।
राज्यसभा में सुरक्षा में चूक
जयराम ने आरोप लगाया कि भाजपा इस मामले में घिरे अपने लोकसभा सदस्य प्रताप सिम्हा की भूमिका को ध्यान में रखकर उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने साफ कहा कि इस मुद्दे पर गृह मंत्री का बयान नहीं हुआ तो संसद के बाकी बचे सत्र में दोनों सदनों की कार्यवाही का चलना मुश्किल होगा। आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने भी राज्यसभा में सुरक्षा में चूक को गंभीर घटना बताते हुए गृह मंत्री से बयान की मांग की।
विपक्षी नेताओं ने किया विरोध प्रदर्शन, सोनिया भी पहुंची
14 सांसदों के निलंबन के विरुद्ध विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए के नेताओं ने संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद डेरेक ओ ब्रायन जो टीशर्ट पहने थे, उस पर लिखा था, ‘मूक विरोध।’ विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हुईं। निलंबित सांसद तख्तियां लिए हुए थे जिन पर लिखा था कि उन्हें बोलने के लिए निलंबित कर दिया गया, जबकि भाजपा का दोषी सांसद खुलेआम घूम रहा है।