केरल विधानसभा में स्पीकर हटाने के लिए पेश प्रस्ताव खारिज, विपक्ष ने किया वाकआउट
तिरुअनंतपुरम । केरल विधानसभा में स्पीकर पी. श्रीरामकृष्णन के खिलाफकांग्रेस नीत विपक्षी गठबंधन- यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) द्वारा लाया गया प्रस्ताव खारिज हो गया है। सोना तस्करी मामले में स्पीकर पर कथित भूमिका का आरोप है। प्रस्ताव खारिज होने से पहले स्पीकर के जवाब के तुरंत बाद विपक्षी यूडीएफ ने वाकआउट कर दिया। एम उमर ने स्पीकर को हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया। सत्तारूढ़ वाम मोर्चे ने शुरुआत में तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए प्रस्ताव पर आपत्ति जताई, लेकिन बाद में सदन में प्रस्ताव पर चर्चा का फैसला किया। प्रस्ताव पेश के दौरान उपसभापति पी. ससी ने कार्यवाही शुरू की।
एम उमर ने कहा कि प्रस्ताव व्यक्तिगत या राजनीतिक कारणों से नहीं बल्कि सदन की गरिमा की रक्षा के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन अध्यक्ष के खिलाफ गंभीर आरोप लग रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि केंद्रीय विधानसभा द्वारा चल रहे विधानसभा सत्र की परिणति के बाद उनसे पूछताछ की जाएगी। सोने की तस्करी के आरोपियों के साथ स्पीकर के कथित व्यक्तिगत संबंध और उनसे संबंधित एक वर्कशॉप के उद्घाटन समारोह में उनकी भागीदारी ने सदन को अपमानित किया है।
एकमात्र भाजपा विधायक ने प्रस्ताव का समर्थन किया
एम उमर ने यह भी आरोप लगाया कि हाल ही में विधानसभा परिसर में किए गए विभिन्न निर्माण कार्य पारदर्शी नहीं थे। हालांकि, एस शर्मा (सीपीआई-एम) ने यह कहते हुए प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई कि यह विधानसभा नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा में चर्चा के लिए प्रस्ताव नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि स्पीकर के खिलाफ लगाए गए आरोप मीडिया की अटकलों पर आधारित हैं। विधानसभा में एकमात्र भाजपा विधायक, ओ राजगोपाल ने स्पीकर के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया। इस बीच, विधानसभा परिसर के बाहर प्रदर्शन के दौरान युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा स्पीकर का पुतला जलाया।
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला स्पीकर पर बरसे
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि पी श्रीरामकृष्णन राज्य के इतिहास में पहले ऐसे व्यक्ति होंगे, जिनपर तस्करों के साथ संबंध का दाग लगा है और वे स्पीकर की कुर्सी संभाल रहे हैं। विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है। किसी भी स्पीकर के खिलाफ सोने के तस्करों के साथ जुड़ने जैसे कोई आरोप कभी सामने नहीं आए हैं।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने किया बचाव
स्पीकर के बचाव में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि जांच एजेंसियां जानबूझकर केरल विधानसभा स्पीकर की खराब छवि चित्रित करने की कोशिश कर रही हैं। यह प्रथा गलत है और विपक्ष इसका समर्थन करना दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट में सोना तस्करी के आरोपियों द्वारा दिए गए 164 के बयान अभी तक सामने नहीं आए हैं। इतने महीनों से जांच एजेंसी आरोपी से पूछताछ कर रही है। ऐसे आरोपियों द्वारा दिए गए 164 के बयानों पर कैसे भरोसा किया जा सकता है?
केरल सोना तस्करी मामले के बारे में जानें
बता दें कि केरल में सोना तस्करी का मामला राजनयिक चैनलों के माध्यम से राज्य में सोने की तस्करी से संबंधित है। कस्टम विभाग ने 5 जुलाई, 2020 को इसका पर्दाफाश किया था। इस दौरान तिरुअनंतपुरम में राजनयिक कार्गो से खेप में 14.82 करोड़ रुपये मूल्य का 30 किलोग्राम सोना लाने का मामला सामने आया था। मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और कस्टम विभाग द्वारा जांच की जा रही है।