G राम G पर चर्चा शुरू होते ही विपक्ष ने काटा बवाल, वेल में पहुंचे सांसद, बोले- ‘JPC में भेजो बिल’

G राम G पर चर्चा शुरू होते ही विपक्ष ने काटा बवाल, वेल में पहुंचे सांसद, बोले- ‘JPC में भेजो बिल’

संसद में जी राम जी बिल पर चर्चा की शुरुआत हो गई है. चर्चा के दौरान विपक्ष ने इस बिल को लेकर अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं और इसे ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी (जेपीसी) को भेजने की मांग की.

कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि इतने अहम और व्यापक प्रभाव वाले बिल पर विस्तार से विचार होना चाहिए, इसलिए इसे ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी को भेजा जाना जरूरी है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पर्याप्त चर्चा के बिना बिल को पारित कराना चाहती है.

स्पीकर का बयान: 98 सांसदों को मिला अतिरिक्त समय

लोकसभा अध्यक्ष ने सदन को जानकारी दी कि एक दिन पहले हुई चर्चा के दौरान 98 सांसदों ने अपनी बात रखने के लिए समय बढ़ाने की मांग की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. इसके बावजूद विपक्ष लगातार और चर्चा की मांग करता रहा.

सदन में हंगामा, वेल में उतरे विपक्षी सांसद

चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों ने जोरदार विरोध जताया और नारेबाजी शुरू कर दी. इसके बाद कई सांसद वेल में उतर आए, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित होती नजर आई.

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का तीखा हमला

लोकसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार की ओर से बोलते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला. विपक्षी हंगामे के बीच शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘ये बापू के आदर्शों की हत्या कर रहे हैं. अपनी बात सुनाना और दूसरों की बात न सुनना भी हिंसा है.’ शिवराज सिंह चौहान ने अपने भाषण की शुरुआत महात्मा गांधी को प्रणाम करते हुए की. उन्होंने कहा कि बापू उनके आदर्श हैं, प्रेरणा हैं और विश्वास हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपनी पंच निष्ठाओं में गांधी जी के विचारों को स्थान दिया है.

‘गांव भारत की आत्मा’ – गांधी के विचारों का उल्लेख

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि गांव भारत की आत्मा हैं और अगर गांव मर जाएंगे तो भारत मर जाएगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के विचारों के केंद्र में गांव का विकास है और इसके लिए वर्षों से योजनाएं बनाई जा रही हैं.

हिंदुत्व पर शिवराज का बयान

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, विश्व का कल्याण हो – यही हिंदुत्व है. ‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ भी हिंदुत्व है.’ उन्होंने कहा कि यह विशाल हिंदुत्व आत्मीयता और सबको साथ लेकर चलने की भावना से भरा हुआ है.

मनरेगा के नामकरण पर कांग्रेस पर हमला

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नरेगा योजना की शुरुआत में इसका नाम महात्मा गांधी के नाम पर नहीं था. उन्होंने आरोप लगाया कि 2009 में चुनाव के कारण कांग्रेस को गांधी जी याद आए और तब उनका नाम जोड़ा गया. उन्होंने कहा कि मनरेगा को सही ढंग से और मजबूती से अगर किसी ने लागू किया तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार है.

‘नाम की सनक’ में कांग्रेस: शिवराज

शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर नामकरण को लेकर ‘सनक’ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नेहरू परिवार को महिमामंडित करने के लिए योजनाओं और संस्थानों के नाम अपने खानदान के नाम पर रखे. उन्होंने कहा, ‘नाम तो गांधी का लगा दिया, लेकिन गांधी को भी गांधी से चुराने का काम कांग्रेस ने किया.’

गांधी जी की अनदेखी का आरोप

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने 1948 में कहा था कि आज़ादी मिलने के बाद कांग्रेस को भंग कर देना चाहिए और लोक सेवक संघ बनाना चाहिए, लेकिन सत्ता के लिए नेहरू ने कांग्रेस को भंग नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया कि उसी दिन से बापू के आदर्शों की हत्या शुरू हो गई. उन्होंने यह भी कहा कि देश के बंटवारे को स्वीकार करना, इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाना – ये सभी गांधी जी के आदर्शों के खिलाफ थे.

मनरेगा में भ्रष्टाचार का आरोप

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मनरेगा योजना में 60 प्रतिशत राशि मजदूरी और 40 प्रतिशत सामग्री के लिए तय थी. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र से मजदूरी का पैसा पूरा आता था, लेकिन सामग्री पर केवल 26 प्रतिशत ही खर्च हुआ. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मनरेगा में भ्रष्टाचार नहीं हुआ और कहा कि इसी कारण योजना के सही उपयोग की जरूरत पड़ी.

‘हमें चुप नहीं कराया जा सकता’- शिवराज सिंह

अपने भाषण के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘आज मैं बोलूंगा, मुझे देश को बताना है. ये मुझे चुप नहीं करा सकते. मेरा नाम भी शिवराज सिंह चौहान है और मैं बीजेपी का समर्पित कार्यकर्ता हूं.’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल काम में विश्वास रखती है, जबकि कांग्रेस ढोंग करती रही है.


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