नई दिल्ली। यूक्रेन में जारी रूसी हमलों के बीच फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए आपरेशन गंगा अभियान के तहत प्रयास जारी हैं। इस क्रम में रविवार सुबह एक विशेष विमान यूक्रेन से 154 भारतीय नागरिकों को लेकर स्लोवाकिया के कोसिसे के रास्ते राष्ट्रीय राजधानी के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा। इससे पहले एक विशेष विमान रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से 182 नागरिकों को लेकर मुंबई पहुंचा।
वहीं शुक्रवार देर रात 1,320 छात्रों को हंगरी के बुडापेस्ट से निकालने की जानकारी ट्विटर के जरिए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली जाने वाली चार उड़ानें बुडापेस्ट से उड़ान भर चुकी हैं। दो उड़ानों के लिए चेक-इन पूरा हो गया है। इस बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को बताया, ‘अब तक हम यूक्रेन से 309 छात्रों को वापस राज्य में लाए हैं। अभी भी 149 छात्र वहां पर फंसे हुए हैं। काफी संख्या में बच्चे खारकीव में भी हैं। उम्मीद है सभी बच्चे सुरक्षित भारत वापस आ जाएंगे।’
शुक्रवार रात 11 बजे से शनिवार सुबह छह बजे तक तीन C-17 ग्लोब मास्टर विमान से 629 भारतीयों को लाया गया। विमान में 16.5 टन राहत सामग्री यूक्रेन भी पहुंचाई गई। हिंडन एयरबेस वायुसेना के प्रवक्ता आशीष मोघे का कहना है कि शनिवार सुबह छह बजे तक 10 बार में सी-17 ग्लोबमास्टर विमान से 2058 भारतीयों को वतन वापस लाया जा चुका है। शुक्रवार रात 11 बजे पहले विमान में 210 भारतीय पहुंचे। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने सभी का स्वागत किया। शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे दूसरे विमान में 210 और सुबह पौने छह बजे तीसरे विमान में 209 छात्र-छात्राओं व अन्य लोगों को हिंडन एयरबेस लाया गया। तीनों विमान रोमानिया, पोलैंड और हंगरी-स्लोवाकिया से भारतीय नागरिकों को लेकर पहुंचे। हिंडन एयरबेस पहुंचे लोग दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, नगालैंड, पंजाब, बंगाल, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और अन्य राज्यों के हैं।
भारतीयों की निकासी की पीएम ने की समीक्षा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक में यूक्रेन के हालात और वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकलाने के लिए चलाए जा रहे अभियान की समीक्षा की। पिछले एक हफ्ते में प्रधानमंत्री यूक्रेन को लेकर कई उच्च स्तरीय बैठकें कर चुके हैं। शनिवार शाम हुई बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ ही शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने पहले की बैठकों में ही अधिकारियों को यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी को उच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया था। उसके बाद ही आपरेशन गंगा शुरू किया गया था। उन्होंने अपने चार मंत्रियों को भी यूक्रेन के आसपास के देशों में निकासी कार्यक्रम पर निगरानी रखने के लिए भेजा है।
सूमी से नहीं निकाले जा सके भारतीय छात्र
सूमी और आसपास के क्षेत्रों में भारी गोलीबारी के चलते छात्रों की निकासी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। विदेश मंत्रालय ने उनसे अनावश्यक तौर पर जोखिम नहीं उठाने और जहां छिपे हैं वहीं पर बने रहने का आग्रह किया है। भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए रूस और यूक्रेन के बीच एक गलियारा बनाने की कोशिश हो रही है, लेकर अभी कोई सफलता नहीं मिल पाई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि शनिवार तक कुल 21 हजार भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके थे। इनमें से आपरेशन गंगा के जरिए 63 उड़ानों से 13,300 भारतीयों को स्वदेश लाया गया है। तकरीबन चार हजार नागरिक वाणिज्यिक उड़ानों से पहले ही भारत आ चुके थे। अभी 2,500 भारतीय यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर स्थित देशों में हैं।